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सुरजेवाला का सीएम से सवाल: क्या रजिस्ट्री घोटाले को भी ठंडे बस्ते में डाला जाएगा?

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा है कि प्रदेश में नित नए घोटाले उजागर हो रहे हैं. इन घोटालों ने खट्टर सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सब कुछ सार्वजनिक पटल पर क्यों नहीं बताते.

रणदीप सिंह सुरजेवाला
रणदीप सिंह सुरजेवाला

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Published : Jul 23, 2020, 6:35 PM IST

Updated : Jul 23, 2020, 6:47 PM IST

चंडीगढ़:कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि खट्टर सरकार में घोटाले पर घोटाले का अंबार लग गया है. रोज उजागर हो रहे घोटालों ने खट्टर सरकार की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है. उन्होंने कहा कि खट्टर सरकार के 6 वर्षों में घोटालों की एक लंबी सूची है.

रणदीप सुरजेवाला ने बताए ये घोटाले

  • धान खरीद घोटाला पार्ट-1
  • धान खरीद घोटाला पार्ट-2
  • अरावली लैंड यूज घोटाला
  • यमुना खनन घोटाला
  • ओवरलोडिंग घोटाला
  • रोडवेज किलोमीटर स्कीम घोटाला
  • एचएसएससी भर्ती घोटाला
  • पेपरलीक घोटाला
  • एसटीईटी घोटाला
  • गीता जयंती घोटाला
  • छात्रवृत्ति घोटाला
  • बिजली मीटर घोटाला
  • शराब घोटाला और रजिस्ट्री घोटाला

रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि 21 जुलाई को खट्टर सरकार ने एक चौकाने वाला आदेश जारी करते हुए प्रदेश में 26 दिन के लिए रजिस्ट्रियों पर रोक लगा दी. उन्होंने कहा कि सार्वजनिक तौर से और समाचार पत्रों से ये सामने आया है कि असल में ये रोक गुरुग्राम, सोनीपत, फरीदाबाद, यानि दिल्ली एनसीआर में हुए नजायज संपत्ति पंजीकरण की शिकायतों को लेकर आनन फानन में जारी किए गए हैं.

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सुरजेवाला ने बताया कि आदेश में तो आईटी अपग्रेडेशन का हवाला दिया गया, लेकिन लॉकडाउन का फायदा उठा भूमाफियाओं द्वारा दिल्ली-एनसीआर की जमीन में अवैध कॉलोनियां काट रजिस्ट्रियां करवाने के नाजायज खेल और भारी अनियमितताओं को इसका असली कारण बताया जा रहा है.

सुरजेवाला ने कहा कि सार्वजनिक पटल पर उपलब्ध सूचना में ये भी सामने आया है कि इस गड़बड़झाले में सरकार में उच्च पदों पर बैठे व्यक्तियों और अफसरों का सीधा-सीधा हाथ है. गुरुग्राम, फरीदाबाद, सोनीपत से बड़ी संख्या में इस बारे में शिकायत सामने आई है.

उन्होंने कहा कि याद रहे कि कोरोना लॉकडाउन के समय इसी प्रकार एक बहुत बड़ा शराब घोटाला हुआ. यहां तक कि आबकारी एवं कराधान विभाग की आंतरिक जांच में 1 करोड़ शराब-बीयर की बोतलों का सीधे-सीधे घालमेल पाया गया. शराब माफियाओं ने खूब चांदी कूटी और सरकार के खजाने को चूना लगाया. मुख्यमंत्री ने 15 दिन में जांच संपूर्ण करने का वादा किया पर हुआ वही ढाक के तीन पात. जांच को पचड़े में डाल दिया गया. रजिस्ट्री घोटाले में तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने आज तक जांच के बारे में एक शब्द तक नहीं कहा.

सुरजेवाला के सरकार से पांच सवाल

  1. क्या खट्टर सरकार को भूमाफियाओं द्वारा लॉकडाउन की अवधि में किए गए रजिस्ट्री घोटाले की जानकारी है?
  2. क्या रजिस्ट्री घोटाले में सरकार में बैठे लोगों और चहेते अधिकारियों का सीधा-सीधा हाथ है?
  3. क्या अवैध कॉलोनियां काटने, नाजायज रजिस्ट्री व कन्वेयन्स डीड करने, सरकार के खजाने को चूना लगाने के बारे अनेकों शिकायतें खट्टर सरकार के पास हैं?
  4. क्या खट्टर सरकार रजिस्ट्री घोटाले की हाई कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाएगी?
  5. क्या मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सामने आकर सारे तथ्य हरियाणा की जनता से साझा करेंगे या फिर शराब घोटाले की जांच की तरह इस घोटाले को भी ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा?
Last Updated : Jul 23, 2020, 6:47 PM IST

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