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जानिये कौन कह रहा है कि रामबिलास शर्मा से उसे जान का खतरा है

सोमवार को शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और उनके पुत्र के खिलाफ महेंद्रगढ़ के एक डॉक्टर कुलदीप की याचिका पर सुनवाई हुई. जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा कि उसे रामबिलास शर्मा और उनके पुत्र गौतम शर्मा से जान का खतरा है.

रामबिलास शर्मा, शिक्षा मंत्री (फाइल फोटो)

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Published : May 13, 2019, 10:01 PM IST

चंडीगढ़: महेंद्रगढ़ के गांव खायरा निवासी डॉक्टर कुलदीप की याचिका पर हरियाणा के शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा और उनके पुत्र गौतम शर्मा ने सोमवार की सुनवाई में याचिकाकर्ता पर ही निशाना साध लिया. शर्मा ने कहा कि जो कुलदीप मुझसे और मेरे बेटे से जान का खतरा बता रहा है उस पर हरियाणा, यूपी और राजस्थान में 26 केस दर्ज हैं.

क्या है मामला?
बता दें कि अपनी याचिका में डॉक्टर कुलदीप ने कहा है कि वो रोहतक में एमबीबीएस का होनहार विद्यार्थी था, लेकिन रामबिलास शर्मा और उनके पुत्र गौतम शर्मा के हस्तक्षेप के कारण उसे अपनी पढ़ाई बीच मे छोड़नी पड़ी. कुलदीप ने कहा कि पारिवारिक रंजिश के कारण रामबिलास शर्मा ने उसे 6-7 झूठे केसों में फंसवा दिया. जिसके कारण उसे दर-दर की ठोकरें कानी पड़ी.

हरजीत यादव, याचिकाकर्ता के वकील

कुलदीप ने कहा कि वर्तमान में रामबिलास शर्मा प्रदेश में कैबिनेट मंत्री हैं और अवैध खनन, अवैध शराब और सरकारी जमीनों पर कब्जे का एक बड़ा गिरोह चला रहे हैं. जिसे साबित करने के लिए कुलदीप ने गौतम शर्मा से संबंधित एक ऑडियो क्लिप बीते दिनों उजागर किया था.

कुलदीप ने कहा कि सत्ता में आते ही रामबिलास शर्मा ने उसके 2 साथियों को आगरा टोल पर पुलिस, सीआईए के माध्यम से मरवा दिया था. कुलदीप ने आरोप लगाया कि वर्तमान में दोनों पिता पुत्र 2-3 मौकों पर उसे जान से मारने की धमकी दे चुके हैं. लिहाजा माननीय न्यायालय रामबिलास शर्मा और गौतम शर्मा से उसकी रक्षा करवाए और सुरक्षा उपलब्ध करवाए. ताकि वो अपना जीवन शांति से जी सके. साथ ही पुलिस को आदेश दिया जाए कि उसके खिलाफ कोई भी मामला दर्ज करने से पहले उसे नोटिस दिया जाए.

याचिकाकर्ता पर रामबिलास शर्मा का पलटवार
याचिका पर अपना जवाब सौंपते हुए रामबिलास शर्मा ने कहा कि उन्होंने 1977 में राजनीति शुरू की थी और अब तक 5 बार विधायक रह चुके हैं और कई बार मंत्री भी. इस पूरे समय में उन पर कोई दाग नहीं लगा. याची का कहना है कि सत्ता के जोर पर उस पर केस दर्ज करवाए जा रहे हैं. जबकि याची को 2010 से 2014 के बीच 11 केस दर्ज हुए थे उस समय मैं सत्ता से बाहर था.

साथ ही जिस गैंगस्टर से याची को खत्म करवाने के लिए मेरे बेटे की बात का ऑडियो बताया जा रहा है. ऐसा कोई ऑडियो है ही नहीं. अब हाईकोर्ट ने हलफनामे को रिकॉर्ड पर लेकर सुनवाई स्थगित कर दी है.

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