चंडीगढ़:चंडीगढ़ मेयर चुनाव (Chandigarh Municipal Corporation Mayor Election) के दौरान गड़बड़ी के मामले में शुक्रवार को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में सुनावाई हुई. सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय ने चंडीगढ़ नगर निगम को पूरे मेयर चुनाव से जुड़े सभी रिकॉर्ड, बैलेट स्लिप से वीडियोग्राफी तक 2 सप्ताह के अंदर सीलबंद लिफाफे में जमा कराने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट (Punjab and Haryana High Court) की पिछली सुनवाई के दौरान चंडीगढ़ प्रशासन की ओर से सीनियर स्टैंडिंग काउंसल अनिल मेहता ने इस याचिका पर कुछ टेक्निकल सवाल उठाए. जिस पर हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ताओं से जवाब मांगा और कहा कि या तो नए सिरे से बेहतर तथ्यों के साथ याचिका दाखिल की जाए या इसी याचिका में संशोधन किया जाए.
क्या है पूरा मामला: चंडीगढ़ नगर निगम के मेयर चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल की है. बीजेपी की सरबजीत कौर को चंडीगढ़ का मेयर (sarabjit kaur chandigarh new mayor) चुन लिया गया है. चुनाव में कुल 28 वोट पड़े थे. इसमें 14 बीजेपी के खाते में गए, 13 वोट आम आदमी पार्टी के खाते में गए. वहीं आम आदमी पार्टी का एक वोट कैंसिल हो जाने से नतीजा बीजेपी के पक्ष में गया. कांग्रेस के सात पार्षद और शिरोमणि अकाली दल का एक पार्षद मतदान के लिए नहीं पहुंचे थे. यानी 8 पार्षद मतदान प्रक्रिया से दूर रहे. मेयर पद के चुनाव के लिए कुल 28 वोट पड़े थे.
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