सिरसा:डेरे के पूर्व मैनेजर रंजीत मर्डर (Ranjit Singh Murder Case ) केस के जज को बदलने के मामले में आज पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई. इस मामले में हाईकोर्ट ने सीबीआई से जज के बारे में जानकारी मांगी थी और सीबीआई के वकील के बारे में भी एफिडेविट मांगा था. जिस पर सीबीआई ने आज हाईकोर्ट के सामने अपना जवाब दाखिल किया है. अब मामले की अगली सुनवाई 2 सितंबर को होगी.
हाईकोर्ट ने अभी पंचकूला सीबीआई कोर्ट को रंजीत मामले पर फैसला देने पर भी रोक बरकरार रखी है. दरअसल रंजीत सिंह के बेटे ने पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट (Punjab and Haryana High Court) में एक याचिका दाखिल की थी. जिसमें सीबीआई जज पर सवाल खड़े किए गए थे. याचिका में जज बदलने की मांग भी की गई थी. वहीं इससे पहले सुनवाई के दौरान आरोपी राम रहीम (Gurmeet Ram Rahim) और कृष्ण वीडियो कॉन्फ्रेंस से अदालत में पेश हुए.
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आरोपी अवतार, जसवीर और सबदिल कोर्ट में मौजूद थे और बचाव पक्ष के वकील ने फाइनल बहस के सभी दस्तावेज CBI कोर्ट में जमा किए. कोर्ट ने CBI से इस पर बहस करने के लिए पूछा, लेकिन जांच एजेंसी ने बहस नहीं की. सीबीआई कोर्ट ने 26 अगस्त तक मामला सुरक्षित रखा था. लेकिन पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट ने 27 अगस्त तक के लिए इस केस के फैसले पर रोक लगा दी.
ये है मामला: रंजीत हत्या मामले में गुरमीत राम रहीम का पूर्व ड्राइवर खट्टा सिंह ने राम रहीम पर हत्या के आरोप लगाए थे. खट्टा सिंह ने कोर्ट में बयान दिया था कि डेरा प्रमुख को लगता था कि साध्वियों के यौन शोषण के पत्र जगह-जगह भेजने के पीछे डेरा मैनेजर रंजीत सिंह का ही हाथ था. खट्टा सिंह ने कहा था, 'रंजीत ने साध्वियों की गुमनाम चिट्ठी अपनी बहन से ही लिखवाई थी, इसलिए गुरमीत राम रहीम ने मेरे सामने 16 जून 2002 को सिरसा डेरे में उसको मारने के आदेश दिए थे, जिसके बाद रंजीत सिंह की 10 जुलाई 2003 को हत्या की गई थी.' फिलहाल गुरमीत राम रहीम रोहतक की सुनारिया जेल में 2 साध्वियों के यौन शोषण के मामले में 20 साल की सजा व पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड में उम्रकैद की सजा काट रहा है.
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