चंडीगढ़ः हरियाणा में इस बार गेहूं के पैदावार का रिकॉर्ड टूट सकता है. इस बार गेहूं की पैदावार प्रति एकड़ 22 से 26 क्विंटल तक हो रही है. 2012 में यह प्रति एकड़ औसतन 20.72 क्विंटल तक था. जो अब तक का रिकॉर्ड है.
मंडियों में पिछले साल के 87.56 लाख टन गेहूं की आवक का रिकॉर्ड भी टूटने की उम्मीद है. इस बार यह 90 लाख टन के पार जा सकता है. अब तक मंडियों में 55 लाख टन गेहूं आ चुका है. पिछले चार दिन में ही मंडियों में 29 लाख टन गेहूं पहुंचा है.
लेकिन बंपर पैदावार के बीच बारदाने की कमी और उठान न होने से व्यवस्था बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है. प्रदेशभर की 385 मंडियां फुल हो चुकी हैं. गेहूं को सड़कों पर या दूसरी जगहों पर उतारना पड़ रहा है. उठान न होने की वजह से करीब 15 लाख टन गेहूं खुले में पड़ा है.
अब की बार गेहूं की बंपर पैदावार, टूट सकते हैं कई रिकॉर्ड
गेहूं की बंपर पैदावार ने मंडियों की हालत बिगाड़ दी है. इस बार गेहूं की पैदावार प्रति एकड़ 22 से 26 क्विंटल तक पहुंच चुकी है. जो अब तक के अधिकतम पैदावार 2012 के 20.72 क्विंटल को पार कर चुका है.
अब की बार गेहूं की बंपर पैदावार, टूट सकते है कई रिकॉर्ड
इन रिकॉर्डों के टूटने पर नजर
- 2012-13 में प्रदेश में गेहूं का कुल उत्पादन 130.69 लाख टन हुआ था.
- अब तक प्रति एकड़ गेहूं उत्पादन का रिकॉर्ड 2012 में 20.75 क्विंटल रहा था.
- 2017-18 में मंडियों में 87.56 लाख टन गेहूं की आवक हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है.
बारदाने की कमी से बिगड़ रही बात
मंडियों में गेहूं खरीद के लिए बोरी की करीब 3.12 लाख गांठों की जरूरत होती है. करीब 2.88 लाख गांठों का इंतजाम पहले किया जा चुका है. वहीं, पश्चिम बंगाल से 19 अप्रैल को 5200 गांठ लेकर ट्रेन चली थी, पर रूट पर एक ट्रेन हादसा हो गया और बरदाना लेकर चली ट्रेन रास्ते में ही अटक गई. दो ट्रेन 23 और 24 अप्रैल को पश्चिम बंगाल से चली हैं, वे भी अटकी हैं. तीनों ट्रेनों के जल्द हरियाणा पहुंचने की उम्मीद है.
Last Updated : Apr 26, 2019, 11:39 AM IST