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हरियाणा के पैरालंपिक गोल्ड मेडलिस्ट सुमित अंतिल को पद्मश्री, जानिए एक पैर गंवाने से लेकर गोल्डन ब्वॉय बनने तक की कहानी

केंद्र सरकार ने 25 जनवरी को पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) की घोषणा की है. जिसमें भारत को टोक्यो पैरा ओलंपिक में स्वर्ण पदक दिलाने वाले जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल (Sumit Antil) को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. जानिए कैसा रहा है इनका सफर...

Sumit Antil
Sumit Antil

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Published : Jan 25, 2022, 10:30 PM IST

चंडीगढ़: टोक्यो पैरा ओलंपिक में देश को स्वर्ण पदक दिलाने वाले जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल (Sumit Antil) को पद्मश्री से सम्मानित किया जाएगा. मंगलवार को केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों (Padma Awards) की घोषणा की है. बीते साल अगस्त में टोक्यो पैरालंपिक में पुरुषों की भाला फेंक एफ-64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीतने वाले अंतिल ने फाइनल में अपने ही विश्व रिकॉर्ड (62.88 मीटर) को तोड़ते हुए 68.55 मीटर भाला फेंक स्वर्ण पदक जीता था.

टोक्यो पैरा ओलंपिक में तोड़े तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड

सुमित अंतिल टोक्यो पैरा ओलंपिक (Tokyo Paralympics 2020) के फाइनल में बेहतरीन फॉर्म में थे. इस ओलंपिक में एक के बाद एक उन्होंने तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड तोड़े. पहले उन्होंने 66.95 मीटर दूर भाला फेंक विश्व रिकॉर्ड बनाया, फिर अपनी दूसरी कोशिश में 68.08 मीटर के स्कोर से अपना पहले का वर्ल्ड रिकॉर्ड सुधारा. पांचवीं कोशिश में सुमित अंतिल ने इससे भी बेहतर थ्रो की. 68.55 मीटर के स्कोर के साथ सुमित ने गोल्ड मेडल जीता.

टोक्यो पैरा ओलंपिक में सुमित अंतिल

सड़क हादसे में गंवाया था एक पैर

सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को गांव खेवड़ा, सोनीपत में हुआ था. सुमित कुश्ती में अपना करियर बनाना चाहते थे और भारतीय सेना में शामिल होना चाहते थे. साल 2015 में जब वह एक दिन प्रैक्टिस से वापस लौट रहे थे तब उनकी मोटरसाइकिल को एक तेज रफ्तार ट्रक ने टक्कर मार दी थी. दुर्घटना के बाद उनके बायें पैर को घुटने के नीचे से काटना पड़ा था. इस दुर्घटना से पहले वह एक पहलवान थे. अपना एक पैर गंवाने के बाद सुमित ने कई महीने अस्पताल में गुजारे.

जैवलिन थ्रोअर सुमित अंतिल

ये भी पढ़ें-सुमित अंतिल ने टोक्यो पैरालंपिक में जीता गोल्ड, अगला लक्ष्य 75 मीटर की थ्रो

साल 2016 में उन्हें पुणे में उन्हें कृत्रिम पैर लगाया गया. उनके कोच वीरेंद्र धनखड़ फिर उन्हें साई सेंटर से दिल्ली लेकर पहुंचे. साल 2018 में एशियन चैंपियनशिप में सुमित को जैवलिन थ्रो में 5वीं रैंक मिली. अगले साल 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में उन्होंने रजत पदक जीता. इसके बाद नेशनल गेम्स में सुमित ने गोल्ड जीतकर खुद को साबित किया. वहीं बीते साल ओलंपिक में गोल्ड मेडल जीतकर सुमित ने इतिहास रच दिया. बता दें कि, सुमित ने टोक्यो पैरालिंपिक में पुरुषों की भाला फेंक एफ-64 वर्ग में स्वर्ण पदक जीता था. एफ-64 स्पर्धा में एक पैर गंवा चुके एथलीट कृत्रिम अंग (पैर) के साथ खड़े होकर हिस्सा लेते हैं.

सुमित अंतिल अपने परिजनों के साथ

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