चंडीगढ़: कोरोना काल में घर से पढ़ाई करना बच्चों के लिए नया मंत्र बन गया है. ऑनलाइन पढ़ाई के जरिए बच्चे स्कूल जाने से तो बच रहे हैं, लेकिन इसका सीधा मतलब ये है कि बच्चों को ज्यादा घंटों तक कंप्यूटर और टीवी स्क्रीन के सामने बैठना पढ़ रहा है. अचानक आए इस बदलाव से बच्चों की पढ़ाई तो प्रभावित हो ही रही, वहीं बच्चों की आंखों पर भी बुरा असर पढ़ रहा है.
ऑनलाइन पढ़ाई, बच्चों पर भारी !
चंडीगढ़ के सेक्टर-38 वेस्ट के रहने वाले आदित्य ने बताया कि 4 से 5 घंटे तो उन्हें स्कूल की ओर से ऑनलाइन पढ़ाई करनी पड़ती है. इसके बाद उन्हें ट्यूशन और कोचिंग इंस्टीट्यूट के कोर्सेज की भी ऑनलाइन ही पढ़ाई करनी पड़ती है. जिस वजह से वो हर रोज करीब 10 घंटे ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे हैं.
आदित्य ने बताया कि ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से उन्हें काफी दिक्कत महसूस होने लगी है. उनकी आंखों में दर्द रहने लगा है और सिर में भी भारीपन महसूस होने लगा है. ज्यादा देर तक बैठने पर उन्हें स्क्रीन धुंधली दिखाई देनी शुरू हो जाती है. कभी-कभी ऐसा महसूस होता है कि अब उन्हें नजर के चश्मे लगाने की जरूरत ना पड़ जाए.
ऑनलाइन स्टडी से बच्चों की आंखों पर पड़ रहा बुरा असर, ऐसे रख सकते हैं ख्याल. ऑनलाइन पढ़ाई बच्चों की सेहत पर डाल रही असर
वहीं पांचवी क्लास में पढ़ने वाली वत्सला शर्मा ने बताया कि ऑनलाइन क्लास में वो सही से पढ़ नहीं पाती है. थोड़ी देर बाद ही उनकी आंखों में दर्द होना शुरू हो जाता है. कभी-कभी सिर भी दर्द करने लगता है. यहीं नहीं कभी-कभी तो आंखों से पानी आने लगता है.
सिर और आंखों के दर्द से परेशान बच्चे
छठी क्लास में पढ़ने वाली अक्षिता ने बताया कि ऑनलाइन क्लासेज से वो अपनी हेल्थ पर बुरा असर महसूस कर रही है. खासकर उनकी आंखों में अब दर्द रहना शुरू हो गया है. इस वजह से उन्हें ऑनलाइन क्लासेस में जो भी पढ़ाया जा रहा है, वो ठीक से समझ नहीं आता. क्लास के वक्त वो बहुत सी बातें समझ नहीं पाती हैं, जबकि सामान्य क्लास में वो ठीक से सब विषयों को समझ पा रही थीं.
बच्चों पर पढ़ रहे दुष्प्रभावों के बारे में जब ईटीवी भारत ने अभिभावकों से बात की तो उन्होंने भी यही कहा कि ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से उनके बच्चों की सेहत पर असर पढ़ रहा है. बच्चे पहले जैसे एक्टिव नहीं रह गए हैं और इतनी छोटी उम्र में बच्चों की कमर भी दर्द होने लगी है.
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इस बारे में ईटीवी भारत ने नेत्र चिकित्सक अशोक शर्मा से भी बात की. डॉ. अशोक शर्मा ने बताया कि लगातार कंप्यूटर या मोबाइल स्क्रीन के सामने बैठे रहने से आंखों पर बुरा असर तो पड़ता ही है, लेकिन अगर बच्चे किसी भी स्क्रीन के सामने ज्यादा देर तक बैठते हैं तो उनकी आंखों पर ज्यादा बुरा प्रभाव पड़ सकता है.