चंडीगढ़:छोटे-बड़े लेनदेन और सेविंग्स के लिए लोग कई सालों से बैंकों में खाता खुलाते आए हैं, लेकिन अब लोग इन सुविधाओं के लिए पोस्ट ऑफिस का रुख कर रहे हैं. धीरे-धीरे पोस्ट ऑफिस में सेविंग अकाउंट खोलने का प्रचलन बढ़ता जा रहा है. लोग पोस्ट ऑफिस में ना सिर्फ बचत खाता खुलवा रहे हैं बल्कि पोस्ट ऑफिस की ओर से दी जा रही बचत करने के लिए कई सुविधाओं का लाभ भी ले रहे हैं.
छोटी-छोटी सेविंग्स सिखाता पोस्ट ऑफिस
इस बारे में हमने चंडीगढ़ डिवीजन के सीनियर सुपरिटेंडेंट मनोज कुमार से बातचीत की. उन्होंने बताया कि इंडिया पोस्ट कई छोटी बचत योजनाएं ऑफर करती हैं. पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में पोस्ट ऑफिस सेविंग अकाउंट, पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF), सुकन्या समृद्धि योजना (SSY), नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC), 5 साल के लिए पोस्ट ऑफिस टाइम डिपॉजिट, किसान विकास पत्र (KVP) और सीनियर सिटीजन सेविंग्स शामिल हैं.
समय के साथ बदलता डाक विभाग! छोटी-छोटी सेविंग्स और बेहतर बैंकिंग की वजह से बढ़ रहा क्रेज बेहतर बैंकिंग की मिलती है सुविधा
इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि पोस्ट ऑफिस भी अब बैंकों की तरह हाईटेक हो गया है. लोगों को बैंक की तरह यहां भी आधुनिक सुविधाएं मुहैया करवाई जा रही हैं. फिर चाहे वो एटीएम कार्ड हो. या फिर नेट बैंकिंग की सुविधा.
मनोज कुमार ने बताया कि सेविंग अकाउंट खोलने न्यूनतम राशि को पिछले साल 11 दिसबंर से बढ़ाकर ही 500 रुपये किया गया है. अगर मिनिमम बैलेंस मेंटेन नहीं किया गया तो 100 रुपये मेंटेनेंस चार्ज और उस पर जीएसटी जुटाना होगा. ये रकम आपके खातों से कट जाएगी. अगर अकाउंट बैलेंस जीरो हुआ तो खाता अपने आप बंद हो जाएगा.
सेविंग अकाउंट पर मिलता है 4% का ब्याज
हालांकि न्यूनतम राशि बढ़ने के बाद भी पोस्ट ऑफिस का सेविंग अकाउंट लोगों में काफी लोकप्रिय है और यहां अकाउंट खुलाने वालों की संख्या लगातार बढ़ रही है, क्योंकि एक तो यहां सेविंग अकाउंट खोलने के लिए न्यूनतम राशि सिर्फ 500 रुपये है, जबकि अन्य बैंकों में ये राशि 5 से 10 हजार है. इसके अलावा पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट पर 4% का ब्याज भी दिया जाता है. जो दूसरे बैंकों के मुकाबले काफी ज्यादा है.
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जरूरत की कई सेवाएं डाक विभाग के पास
डाक विभाग के डिजिटल होने के बाद अब ये विभाग पासपोर्ट, आधार कार्ड, बिजली बिल भरना और अन्य चीजों को आसान बनाने में अहम भूमिका निभा रहा है. बदलते समय के साथ डाक विभाग ने भी अपने आपको काफी बदल लिया है और अंग्रेजों के समय की एक विरासत आज भी भारत के पास जीवित है और सही तरीके से काम कर रही है.