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नूंह में नाबालिग दलित लड़की से गैंगरेप का मामला, मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी को भेजा नोटिस

रविवार को नूंह जिले में अनुसूचित जाति की एक 12 साल की नाबालिग लड़की के साथ सामुहिक दुष्कर्म का मामला सामने आया. इस मामले में अब मानव अधिकार आयोग ने दखल दी है. मानव अधिकार आयोग ने हरियाणा के डीजीपी को नोटिस भेज कर 4 हफ्तों में रिपोर्ट मांगी है.

नूंह में दलित लड़की से गैंगरेप मामला: मानव अधिकार आयोग ने डीजीपी को भेजा नोटिस

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Published : Jul 12, 2019, 9:46 PM IST

नूंह: जिले में अनुसूचित जाति की एक12 वर्षीय नाबालिग लड़की के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म मामले पर मानव अधिकार आयोग ने संज्ञान लिया है. मामले में आयोग ने हरियाणा के डीजीपी को नोटिस भेज कर रिपोर्ट मांगी है.

क्या था मामला
बता दें, कि नाबालिग लड़की रविवार सुबह करीब 6 बजे साइकिल पर घर से कुछ दूर एक मकान में लस्सी लेने के लिए गई थी. नाबालिग लड़की जब घर के लिए वापस लौट रही थी तो बाइक सवार दो लड़कों ने नाबालिग का अपहरण कर लिया. मुंह पर हाथ रख आंखों पर कपड़ा बांधकर सड़क पर घुमाया. कई घंटे इधर-उधर घुमाते हुए शाम करीब पांच बजे नूंह के चुहीमल तालाब के पास एक मकान में ले जाकर आरोपियों ने कई घंटे दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. रात करीब 9 बजे नाबालिग लड़की किसी तरह उनके चंगुल से छूटकर अपने घर पहुंची और परिजनों को आपबीती बताई.

पुलिसकर्मी के मकान में वारदात को दिया अंजाम
आरोपियों ने नाबालिग से दुष्कर्म की वारदात को एक पुलिसकर्मी के बंद पड़े मकान में अंजाम दिया. बताया जा रहा है कि चुहीमल तालाब स्थित पुलिसकर्मी के मकान में कोई नहीं रहता है. आरोपियों ने इसका फायदा उठाकर मकान में घुसकर नाबालिग लड़की को बंधक बनाकर दुष्कर्म किया. मंगलवार को डीएसपी इंद्रजीत और एसएचओ महेंद्र पुलिस बल के साथ वारदात स्थल की जांच करने पहुंचे थे.

तीन पर केस दर्ज
मामले में पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है, जिनकी पहचान इमरान उर्फ ढक्कन, मूली उर्फ हाकम और रिजवान के रूप में हुई है. पुलिस ने आरोपियों को मंगलवार नूंह कस्बे से गिरफ्तार किया. पुलिस ने आरोपियों की बाइक और पीड़िता की साइकिल भी बरामद कर ली है. आरोपियों के खिलाफ पोक्सो एक्ट, एससी-एसटी एक्ट, अपहरण, जान से मारने की धमकी सहित अन्य धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.

पुलिस ने पीड़ित परिवार से कहा - पहले तुम ढूंढो
नाबालिग लड़की के पिता की कई साल पहले मौत हो गई थी, जबकि मां भी पीड़िता के साथ नहीं रहती है. पीड़िता अपनी दादी के साथ रह रही है. सुबह लड़की जब लस्सी लेकर काफी देर तक नहीं पहुंची तो परिजनों ने सुबह करीब 10 बजे पुलिस चौकी जाकर लड़की के गुम होने की शिकायत दी. पीड़ित परिवार का आरोप है कि पुलिस को सूचना और शिकायत देने के बाद पुलिसकर्मियों ने आश्वासन देने के बजाए उन्हें लड़की को खुद ढूंढने के लिए कहकर टरका दिया. पुलिसकर्मियों ने परिवार वालों से कहा कि पहले तुम ढूंढो, हम बाद में ढूंढेंगे.

पुलिस की लापरवाही पीड़िता पर पड़ी भारी
लोगों का कहना है कि पुलिस की लापरवाही पीड़िता के जीवन पर भारी पड़ गई. अगर स्थानीय पुलिस मामले को गंभीरता से लेती और तुरंत लड़की को ढूंढने की कोशिश करती तो मासूम दरिंदगी का शिकार होने से बच जाती, लेकिन पुलिस ने इस मामले को हल्के में लिया. परिजनों के बार-बार गुहार लगाने के बाद भी पुलिस ने रविवार शाम करीब 5 बजे गुमशुदगी का मुकदमा दर्ज किया.

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