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'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाई जाएगी नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती: सीएम मनोहर लाल - चंडीगढ़ सीएम मनोहर लाल खबर

सीएम मनोहर लाल ने कहा कि आगे से नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को पराक्रम दिवस के रूप में मनाया जाएगा.

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पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी नेता जी की जयंती

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Published : Jan 23, 2021, 6:04 PM IST

चंडीगढ़: शनिवार को हरियाणा साहित्य अकादमी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मुख्यातिथि के रूप में शिरकत की. इस दौरान सीएम मनोहर लाल ने वरिष्ठ आईएएस अधिकारी और प्रसिद्ध कवयित्री धीरा खंडेलवाल द्वारा रचित दो नए कविता संग्रहों ‘मेघ मेखला’ और ‘रेशमी रस्सियां’ का लोकार्पण किया.

पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी नेता जी की जयंती: सीएम

कार्यक्रम के दौरान सीएम मनोहर लाल ने कहा कि आज देशभर में नेता जी की 125वीं जयंती मनाई जा रही है. इस मौके पर हरियाणा सरकार ने ये फैसला लिया है की आगे से इस दिन को पराक्रम दिवस के रूप मनाया जाएगा.

पराक्रम दिवस के रूप में मनाई जाएगी नेता जी की जयंती

इसके बाद सीएम ने कहा कि हरियाणा में 6 भाषा अकादमी हैं, इस सभी अकादमियों का बजट करीब 10 करोड़ है लेकिन साहित्य के विकास पर महज 10 से 15 फीसदी पैसा ही खर्च होता है, बाकी सारा पैसा अकादमियों के कर्मचारियों के वेतन पर खर्च हो जाता है. हम किसी कर्मचारी को हटा तो नहीं सकते लेकिन इसे रिऑर्गेनाइज करेंगे.

सीएम ने कहा कि हम जल्द नए साहित्यकारों को प्रमोट करने के लिए पहली रचना पर पुरस्कार देने पर विचार कर रहे हैं. इस मौके पर धीरा खंडेलवाल को बधाई देते हुए मनोहर लाल ने कहा कि उनके संग्रह की लगभग सभी पंक्तियाँ बेहद आत्मीय और मार्मिक हैं. उनके अथाह गहराइयों से निकले ये मोती पाठकों को अन्दर तक उद्वेलित करते हैं.

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सीएम मनोहर लाल ने नेता जी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आज के दिन धीरा खंडेलवाल के कविता संग्रहों का लोकार्पण एक विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस वर्ष से नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती को 'पराक्रम दिवस' के रूप में मनाने का निर्णय लिया गया है.

धीरा खंडेलवाल के नए कविता संग्रहों पर प्रकाश डालते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कम से कम शब्दों में अधिक से अधिक भावों को समेटने की कला धीरा खंडेलवाल से सीखी जा सकती है.

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उन्होंने कहा कि धीरा खंडेलवाल की इतनी अधिक रचनाओं के बारे में जानकर आचर्य भी होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि वे प्रशासनिक जीवन की व्यस्तताओं से खूब परिचित हैं. महिला होने के नाते धीरा खण्डेलवाल को अपने घर को संभालने की बड़ी जिम्मेदारी भी उठानी पड़ती है. इतने सारे कामों के बावजूद इन्होंने साहित्य-सृजन के लिए समय निकाला, ये हम सबके लिये प्रेरणा की बात है.

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