चंडीगढ़:बाल चिकित्सा सार्वभौमिक पोषण जांच और बच्चों की सार्वभौमिक जांच का गहन अभियान के तहत चंडीगढ़ स्वास्थ्य विभाग (Chandigarh Health Department) ने पिछले साल सितंबर महीने में एक सर्व कराया था. जिसके तहत शहर के एक दिन से छह साल तक के 45 हजार बच्चों में से 3 हजार बच्चों में कुपोषण के लक्षण देखे गए हैं. इस रिपोर्ट के सार्वजनिक होने के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने इन बच्चों की सूची तैयार की है. इनके लिए डाइट प्लान तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं. कुपोषण का कारण बदलती लाइफस्टाइल भी है. समय पर खाना न खाना, देर तक जागना, बाहर का खाना आदि कारणों से कारण शहरों में भी कुपोषण के मामले बढ़ने लगे हैं.
चंडीगढ़ प्रशासन के समाज कल्याण विभाग (Social Welfare Department Chandigarh) ने स्वास्थ्य विभाग की मदद से स्क्रीनिंग के दौरान 45 हजार बच्चों में से सामान्य श्रेणी में लगभग 3 हजार बच्चे ऐसे पाए गए, जिनमें सेम यानी सीवियर एक्यूट मॉनुट्रिशन (एसएएम) और मेम यानी मॉडरेट एक्यूट मॉनुट्रिशन (एमएएम) के तहत जिन बच्चों का चंडीगढ़ में 450 आंगनबाड़ी केंद्रों की ओर से सर्वे किया गया था. इसमें करीब 3 हजार बच्चे कुपोषित मिले हैं. ऐसे में बच्चों के रोजाना खाने वाली डाइट, वजन और रहन-सहन के बारे में जानकारी ली गई.
चंडीगढ़ प्रशासन फिर कराएगा सर्वे:जिसमें पाया गया कि कुछ बच्चे न तो अच्छा खाना खाते हैं और न ही पीने वाली चीजों में दिलचस्पी रखते हैं. ऐसे में चंडीगढ़ प्रशासन द्वारा इस डाटा में सुधार लाने के लिए एक बार और सर्व करवाया जा रहा है. जहां कुपोषण के अंदर आने वाले और आ चुके बच्चों को बाहर निकालने के लिए इन बच्चों का डाइट प्लान बनाया गया है. इनके खाने-पीने पर नजर रखी जा रही है.