चंडीगढ़:कभी हरियाणा की सबसे पार्टी रही इनेलो (INLD) का आज विधानसभा में एक भी विधायक नहीं है. साल 2005 में सत्ता से बाहर होने के बाद इनेलो पार्टी के अंदर बड़े उतार-चढ़ाव आए. साल 2018 में जेजेपी पार्टी (JJP) बनने के बाद इनेलो को राजनीति में वर्चस्व बचाने की लड़ाई भी लड़नी पड़ी, लेकिन अब इनेलो सुप्रीमो ओपी चौटाला (op chautala) के जेल से बाहर आने के बाद इनेलो का कुनबा फिर से बढ़ने लगा है.
एकतरफ जहां पार्टी में पुराने नाराज नेताओं की घर वापसी करवाई जा रही है तो वहीं बीजेपी के नक्शेकदम पर चलते हुए छोटे-छोटे दलों से गठबंधन भी किया जा रहा है. जाहिर सी बात है कि इनेलो आगामी चुनावों से पहले खुद को तैयार करने में लगी है. पिछले विधानसभा चुनाव में जीतने वाले पार्टी के एकमात्र विधायक अभय चौटाला (अब विधायक पद से इस्तीफा दे चुके हैं) लगातार पुराने नाराज लोगों की घर वापसी करवा रहे हैं. हाल ही में उन्होंने अपने बड़े भाई और जेजेपी नेता अजय चौटाला के करीबी रहे उमेद लोहान से उनके घर जाकर मुलाकात की है.
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बता दें कि, एक लंबे अरसे तक लोकदल के हिसार जिला अध्यक्ष और युवा विंग के प्रधान रहे उमेद सिंह लोहान (umed singh lohan) की भी इनेलो में वापसी की राजनीतिक गलियारों में चर्चाएं शुरु हो गई हैं. हिसार स्थित लोहान के निवास पर जाकर अभय सिंह चौटाला और उनके दोनों पुत्रों ने उमेद लोहान से लंबी मुलाकात की है.
इनेलो में फूट पड़ने और जेजेपी की स्थापना के साथ उमेद लोहान ने इनेलो छोड़ जेजेपी का दामन थामा था. उमेद सिंह लोहान फिलहाल कांग्रेस में हैं और हिसार के आसपास कई विधानसभा हलकों में अपनी राजनीतिक दौड़ लगा चुके हैं, लेकिन फिलहाल वह अब नारनौंद हल्के के रणक्षेत्र में बड़ी टिकट पर चुनाव लड़ना चाहते हैं. पुराने लोकदल के जमाने में कभी अजय सिंह चौटाला के हनुमान माने जाने वाले उमेद सिंह लोहान की जेजेपी में अजय चौटाला के बेटे और प्रदेश की उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला से ज्यादा तालमेल नहीं बनी.