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द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित होने वाले राष्ट्रीय वुशु टीम के कोच कुलदीप हांडू से खास बात - kuldeep handu dronacharya award

राष्ट्रीय वुशु टीम के चीफ कोच कुलदीप हांडू को द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा. इस खास मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने कुलदीप हांडू से खास बातचीत की.

kuldeep handu will get dronacharya award
kuldeep handu will get dronacharya award

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Published : Aug 28, 2020, 3:10 PM IST

Updated : Aug 28, 2020, 3:20 PM IST

चंडीगढ़: जम्मू-कश्मीर के रहने वाले कुलदीप हांडू को द्रोणाचार्य अवार्ड से नवाजा जा रहा है. कुलदीप हांडू राष्ट्रीय वुशु टीम के चीफ कोच हैं. कुलदीप हांडू जम्मू-कश्मीर के पहले ऐसे शख्स हैं, जिन्हें द्रोणाचार्य अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा.

इस खास मौके पर ईटीवी भारत की टीम ने कुलदीप हांडू से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि वो कश्मीरी पंडित परिवार से हैं और उनके परिवार में खेलों से ज्यादा पढ़ाई को महत्व दिया जाता था. परिवार से छिपकर वो कभी-कभी क्रिकेट खेल लिया करते थे. वहीं इसी दौरान उनका परिवार कश्मीर से विस्थापित हुआ जम्मू जा पहुंचा. जिसके बाद उनकी जिंदगी में काफी बदलाव आए.

राष्ट्रीय वुशु टीम के कोच कुलदीप हांडू से खास बात, देखें वीडियो

कुलदीप हांडू ने बताया कि जम्मू पहुंचने के तीन साल बाद तक उन्होंने किसी चीज पर ध्यान नहीं दिया क्योंकि हालात ठीक नहीं थे. उसके बाद उन्होंने ताइक्वांडो और वुशु की तैयारी शुरू की और राष्ट्रीय खेलों में भी पदक जीता. वो 11 सालों तक राष्ट्रीय चैंपियन भी रहे. खिलाड़ी के तौर पर कुलदीप हांडू ने 11 नेशनल गोल्ड और 6 अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडल जीते हैं.

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उन्होंने बताया कि 2006 में उन्होंने अपना रुख कोचिंग की तरफ किया. सबसे पहले उन्हें जूनियर टीम की जिम्मेदारी मिली. 2006 में ही यूनिटी में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज मेडल जीता. इसके बाद 2008 में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में जूनियर टीम ने 4 पदों पर अपना कब्जा जमाया. इसके बाद फेडरेशन ने उन्हें राष्ट्रीय वुशु टीम की जिम्मेदारी दी और उनके नेतृत्व में नेशनल टीम ने 2010 के एशियन गेम्स में 2 पदक अपने नाम किए.

उन्होंने बताया कि वुशु अब देश में काफी लोकप्रिय हो रहा है. खासकर उत्तर भारत में अलग-अलग राज्यों से काफी खिलाड़ी इस खेल से जुड़ रहे हैं. इसके अलावा, पूर्वोत्तर राज्य में भी इस खेल को लेकर युवाओं में काफी उत्साह है.

कुलदीप हांडू ने कहा कि इस खेल को लेकर फेडरेशन काफी अच्छा काम कर रही है, जम्मू-कश्मीर में ये खेल काफी लोकप्रिय हो चुका है और बहुत से युवा इस खेल से जुड़ रहे हैं. हालांकि वहां के हालात फिलहाल उतने अनुकूल नहीं हो पाए हैं. जिस वजह से युवाओं को सभी सुविधाएं नहीं मिल पा रही हैं. सरकार हालात सामान्य करने की कोशिश कर रही है, लेकिन उसके लिए भी कई तरह की चुनौतियां हैं.

Last Updated : Aug 28, 2020, 3:20 PM IST

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