चंडीगढ़:इस वक्त वायु प्रदूषण की समस्या विकराल रूप धारण करती जा रही है. कई शहरों में प्रदूषण बहुत ज्यादा बढ़ गया है. खासतौर पर दिल्ली और एनसीआर (Delhi NCR air pollution) में आने वाले कई शहरों में प्रदूषण का स्तर इतना ज्यादा है कि वहां पर स्कूल बंद करने की नौबत आ गई. वायु प्रदूषण सबके लिए हानिकारक है, लेकिन बच्चों पर इसका ज्यादा बुरा असर पड़ता है. जिस वजह से स्कूलों को बंद भी किया गया, लेकिन इससे बच्चों की पढ़ाई पर भी असर पड़ा. ऐसे में चंडीगढ़ पीजीआई के स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के प्रोफेसर रविंद्र खैवाल ने एक खास रिपोर्ट तैयार की है. जिसमें कुछ बातों को शामिल किया गया है. जिनका पालन कर स्कूलों और स्कूली बच्चों को प्रदूषण से काफी हद तक बचाया (school protection from air pollution) जा सकता है.
ईटीवी भारत से बात करते हुए प्रोफेसर रविंद्र खैवाल ने बताया कि स्कूलों को प्रदूषण मुक्त रखना बेहद जरूरी है. तभी हम बच्चों को भी प्रदूषण से बचा पाएंगे. इसके लिए हमने एक रिपोर्ट तैयार की है, जिसमें कई ऐसे तरीके बताए गए हैं. जिससे स्कूलों को प्रदूषण से बचाया जा सकेगा. जैसे स्कूलों के आसपास के वातावरण को साफ करना होगा, स्कूलों में हरियाली बढ़ानी होगी ताकि वहां की हवा स्वच्छ रहे. इसके अलावा सुबह के वक्त जब माता-पिता बच्चों को स्कूल छोड़ने आते हैं तब बच्चों का पिक एंड ड्रोप पॉइंट स्कूल से थोड़ी दूरी पर बनाया जाना चाहिए. जिससे वाहन स्कूल की जगह के पास न आए. इसके अलावा स्कूल के मैदान के आसपास वाहन नहीं चलने चाहिए, क्योंकि स्कूल के मैदान में बच्चे खेलते हैं और अगर उसके आसपास वाहन होंगे तो बच्चों पर प्रदूषण का असर जरूर पड़ेगा.
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प्रोफेसर रविंद्र खैवाल ने बताया कि स्कूल में मैदान या बगीचों में घास होनी चाहिए. बिना घास की जमीन होने से वहां पर धूल ज्यादा उठती है जो बच्चों के लिए नुकसानदायक है. इसलिए हर जगह पर घास होनी चाहिए. क्लासरूम हवादार होने चाहिए, अगर किसी तरफ से प्रदूषण या धुआं आने की संभावना हो तो उस तरफ की खिड़कियां बंद रखनी चाहिए, लेकिन ऐसा करने से क्लास रूम में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ सकती है. इसलिए वहां पर वेंटिलेशन का पर्याप्त प्रबंध भी करना चाहिए.