चंडीगढ़: प्रशासन के शिक्षा विभाग द्वारा शहर के सभी प्राइवेट स्कूलों को फिलहाल अभिभावकों से फीस न वसूलने के फैसले को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी थी. द इंडिपेंडेंट स्कूल एसोसिएशन चंडीगढ़ की तरफ से दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई करते हाईकोर्ट ने प्राइवेट स्कूलों का पक्ष सुना और चंडीगढ़ प्रशासन को तलब किया है.
प्रशासन की तरफ से जवाब के लिए समय दिए जाने की मांग पर जस्टिस निर्मलजीत कौर ने 1 सप्ताह में जवाब दायर करने का निर्देश दिया है. मामले पर अगली सुनवाई 22 मई को होगी. एसोसिएशन की तरफ से याचिका में कहा गया कि 78 स्कूल उनसे जुड़े हैं. चंडीगढ़ प्रशासन के शिक्षा विभाग ने 29 मार्च को आदेश जारी कर कहा था कि वर्ष 2020-21 के एकेडमिक सेशन के लिए फीस जमा करने का शेड्यूल दोबारा तय किया जाए.
पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में प्राइवेट स्कूलों की याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई. मामले को लेकर वकील आशीष चोपड़ा ने बताया कि चंडीगढ़ प्रशासन के आदेश के बाद वो अभिभावक फायदा उठा रहे हैं जो फीस देने में सक्षम हैं, ऐसे में चंडीगढ़ प्रशासन को अपने फैसले रिव्यू करना चाहिए. शिक्षा विभाग ने साथ ही स्कूल खुलने के बाद एक माह का समय फीस जमा करने के लिए दिए जाने का निर्देश दिया था.
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इसके लिए कोई लेट फीस चार्ज नहीं लिया जाएगा. इसी संबंध में 7 अप्रैल को विभाग की तरफ से आदेश जारी कर कहा गया कि अभिभावकों को फीस जमा करने के लिए विवश नहीं किया जाए. इसके लिए अभिभावकों को कोई संदेश ना भेजा जाए. इन्हीं मुद्दों के लेकर प्राइवेट स्कूलों ने कोर्ट का दरवाया खटखटाया गया था.