चंडीगढ़:आज पूरा देश तीसरा राष्ट्रीय हथकरघा दिवस मनाया जा रहा है. हथकरघा दिवस मनाने के लिए 7 अगस्त का दिन भारतीय इतिहास में विशेष महत्व होने के कारण चुना गया है. इसी दिन 1905 में स्वदेशी आंदोलन शुरू हुआ था. आंदोलन का उद्देश्य घरेलू उत्पादों और उत्पादन इकाइयों को पुनर्जीवित करना था.
राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के मौके पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने ट्वीट कर हथकरघा से जुड़े सभी लोगों को सलाम किया. साथ ही उन्होंने देशवासियों से स्वदेशी अपनाने और प्रोत्साहित करने का संकल्प लेने की अपील की.
सीएम मनोहर लाल के अलावा बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने भी राष्ट्रीय हथकरघा दिवस पर ट्वीट किया. उन्होंने लिखा कि हम अपने जीवंत हथकरघा और हस्तशिल्प क्षेत्र से जुड़े सभी लोगों को नमन करते हैं. बता दें कि पहला राष्ट्रीय हथकरघा दिवस 2015 में मनाया गया था और प्रधानमंत्री मोदी ने 7 अगस्त, 2015 को चेन्नई में आयोजित प्रमुख समारोह में मुख्य अतिथि थे.
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7 अगस्त को क्यों मनाया जाता है राष्ट्रीय हथकरघा दिवस ?
7 अगस्त की तारीख का चयन भारत की आजादी की लड़ाई में इसके विशेष महत्व को देखते हुए किया गया है. 1905 में इसी दिन कोलकाता के टाउनहॉल में एक महा जनसभा में स्वदेशी आंदोलन की औपचारिक रूप से शुरुआत की गई थी. इस आंदोलन में घरेलू उत्पादों और उत्पादन प्रक्रियाओं का पुनरोत्थान शामिल था. भारत सरकार की ओर से इसी की याद में हर साल 7 अगस्त को राष्ट्रीय हथकरघा दिवस के रूप में घोषित किया गया है.
हथकरघा उद्योग का महत्व:
- हथकरघा क्षेत्र देश की अर्थव्यवस्था में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है.
- ये 65 लाख से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान करने वाली सबसे बड़ी आर्थिक गतिविधियों में से एक है.
- ऐतिहासिक युग से हथकरघा भारत में प्रसिद्ध है.
- हथकरघा उद्योग में कुल प्रीइंडस्ट्रियल उत्पादन का लगभग 14 प्रतिशत और कुल निर्यात कारोबार का 30 प्रतिशत है.
- ये क्षेत्र देश में लगभग 15% कपड़ा उत्पादन में योगदान देता है और देश की निर्यात आय में भी योगदान देता है. दुनिया में 95% हाथ से बुने हुए कपड़े भारत से आते हैं.
- 2017-18 में 7990 मिलियन वर्ग मीटर का आंकड़ा दर्ज किया गया था जिसमें 2017-18 के दौरान हथकरघा वस्तुओं का निर्यात 280.19 करोड़ था और वर्ष 2018-19 में (नवंबर 2017 तक) 1554.48 करोड़ हो गया था.
- ये भारत में दूसरा सबसे बड़ा उद्योग है, जिसमें महत्वपूर्ण खंड हैं, जैसे कि आधुनिक कपड़ा मिल इसने हथकरघा को विदेशी बाजारों में भी लोकप्रिय बना दिया और उनकी मांग बढ़ गई.
- भारत में हथकरघा उद्योग एक प्राचीन उद्योग है.
- ये उद्योग देश के लाखों लोगों की आजीविका का एक पुराना स्रोत है.
- हथकरघा का काम सबसे ज्यादा तमिलनाडु में है 21.65% , इसके बाद पश्चिम बंगाल 19.9%, आंध्र प्रदेश 19%, उत्तर प्रदेश 16.6% और मणिपुर 8.2% है. ये पांच राज्य हथकरघा उद्योग में कुल शहरी कार्यबल के 82.4% के उच्च स्तर पर हैं.