हरियाणा में पराली, पॉल्यूशन और पॉलिटिक्स चंडीगढ़: हरियाणा के 6 जिलों में एक्यूआई (AQI) यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पास जाने के बाद इस मुद्दे को लेकर अब सियासी घमासान भी शुरू हो गया है. हरियाणा आम आदमी पार्टी के सीनियर वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा इस मामले में प्रदेश सरकार पर निशाना साध रहे हैं. वहीं, हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल उनके इन आरोपों पर जमकर पलटवार कर रहे हैं.
हरियाणा के जिलों में बढ़ते प्रदूषण आप का वार: हरियाणा की जिलों में बढ़ते प्रदूषण को लेकर आम आदमी पार्टी प्रदेश सरकार पर निशाना साध रही है. प्रदूषण पर आप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा सरकार से सवाल पूछ रहे हैं. देश के 12 सबसे प्रदूषित शहरों में 6 हरियाणा के शहर क्यों हैं? वे कहते हैं कि बीजेपी सरकार की अनदेखी से हरियाणा के लोग जहरीली हवा में सांस लेने को मजबूर हो रहे हैं. प्रदेश सरकार ने डीजल की बसों को बदल कर CNG और बिजली की बसों की तरफ जाने का नहीं सोचा?
AAP का हरियाणा सरकार पर आरोप: आप के वरिष्ठ उपाध्यक्ष के अनुसार, प्रदेश सरकार का हरियाणा में कूड़ा प्रबंधन पर जोर नहीं है, कूड़े को जला कर नष्ट किया जाता है. सरकार पीड़ित किसानों पर पराली जलाने का दोष मढ़ रही है. पराली प्रबंधन सरकार की जिम्मेदारी है लेकिन पराली प्रबंधन में सरकार फेल है. वे कहते हैं कि किसानों के पास इतने संसाधन नहीं है कि वो पराली का प्रबंधन और सकें. पराली प्रबंधन की मशीनों की सब्सिडीमें घोटाला किया गया. कागज पर मशीनों को सब्सिडी दी गई, जमीन पर मशीन ही नहीं है.
आप के वार पर हरियाणा के कृषि मंत्री का पलटवार?: आम आदमी पार्टी के सवालों के जवाब में हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने जमकर पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि पराली जलाने की पंजाब में हरियाणा से 4 से 5 गुना ज्यादा घटनाएं घट रही हैं. पश्चिमी हवाएं जब चलती हैं तो दिल्ली में पराली का धुआं पंजाब से पहुंच जाता है. इसके साथ ही वह धुआं हरियाणा होकर ही दिल्ली जाता है. हम प्रार्थना करते हैं कि हमारे पड़ोस की सरकार इस पर नियंत्रण करें.
हरियाणा की वजह से तो ना हरियाणा में प्रदूषण है ना दिल्ली में प्रदूषण है. हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं पर सरकार ने रिमार्केबल काम किया है. किसानों को इंसेंटिव दिया है. पराली खरीद कर उसे हमने उचित दाम दिए. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने जो भी योजनाएं दी हैं, उसका हरियाणा ने पूरा फायदा उठाया है. कोई भी हरियाणा के किसानों को बदनाम ना करे. हरियाणा में करीब 1000 पराली जलाने की घटनाएं हुई हैं, जबकि पड़ोसी राज्य में यह मामले 5 गुना ज्यादा है. आम आदमी पार्टी के कहने से कुछ नहीं होता. नासा के सेटेलाइट के आंकड़े खुद इस बात की गवाही दे रहे हैं कि पंजाब में हरियाणा से ज्यादा पराली जल रही है. - जेपी दलाल, कृषि मंत्री हरियाणा
हरियाणा के प्रदूषण को लेकर क्या कहते हैं PGI पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर?:हरियाणा में बढ़ते प्रदूषण को लेकर पीजीआई के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर रविंद्र खैवाल कहते हैं कि वर्तमान में पराली जलाने की जो घटनाएं दोनों राज्यों में हो रही है, उन्हें नहीं लगता है कि इसकी वजह से ज्यादा प्रदूषण हो रहा है. वह कहते हैं कि अभी भी पंजाब में हजार के आस-पास एक दिन में पराली जलाई जा रही है. जब पराली जलाने की घटनाएं ढाई हजार से ऊपर जाती है, तब उसका असर हमारे एनवायरनमेंट पर देखने को मिलता है.
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'हरियाणा में पराली जलाने की घटनाएं कम':पीजीआई के पब्लिक हेल्थ डिपार्टमेंट के प्रोफेसर के अनुसार, अभी जो पराली जलाने की घटनाएं सामने आ रही हैं वह हरियाणा में कम है. इसके साथ ही दोनों राज्यों में जो घटनाएं हो रही हैं, वह भी कोई एक जगह पर नहीं है. अलग अलग जिलों में है. इसलिए उसका ज्यादा असर एनवायरनमेंट पर नहीं पड़ सकता. उन्होंने कहा कि इसमें कई अन्य कारक भी हैं, जैसे कि मौसम में आ रहा बदलाव भी प्रदूषण के बढ़ते स्तर के लिए जिम्मेदार होता है. ठंड होने के साथ ही हमारे वायुमंडल की परतें भी नीचे हो जाती हैं, जिससे प्रदूषण का दबाव बढ़ता है. इसके अलावा गाड़ियों से निकलने वाला धुआं और सड़कों पर बढ़ता ट्रैफिक के साथ कई अन्य कारक भी इसके लिए जिम्मेदार होते हैं.
क्या है अभी पराली जलाने के आंकड़े?: अगर आंकड़ों की बात करें तो हरियाणा और पंजाब में 26 अक्टूबर को मिलकर 565 पराली जलने के मामले सामने आए थे. इसमें से हरियाणा में केवल 67 और पंजाब में 498 थे. वहीं, अगर हम 27 अक्टूबर की बात करें तो दोनों राज्यों में केवल 11 मामले आए थे, जिनमें 6 हरियाणा और पांच पंजाब में थे. जबकि 29 अक्टूबर को कुल मामले बढ़कर 1,421 हो गए थे. इसमें हरियाणा के केवल 177, जबकि पंजाब में 1244 पराली जलाने की घटनाएं सामने आई थीं.
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