चंडीगढ़:रविवार को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कई बड़ी घोषणाएं की हैं. शहरी स्थानीय निकाय विभाग के संपत्ति धारक, जो 20 साल से अधिक समय से किराये, लीज और लाइसेंस फीस पर संपत्ति पर काबिज हैं उनके लिए राहत की घोषणा की गई है. ऐसे संपत्ति धारकों को हरियाणा सरकार मालिकाना (haryana ownership to tenants) हक देगी. इसके लिए एक नीति बनाई गई है जिसके अंतर्गत काबिज व्यक्ति को मालिकाना हक के लिए क्लेक्टर रेट से भी कम रेट की अदायगी करनी होगी.
इस योजना पर 31 मार्च , 2025 तक काम पूरा होगा और 3,700 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी. हरियाणा राज्य कृषि विपणन बोर्ड द्वारा 1,225 किलोमीटर के पांच कर्म के 475 कच्चे रास्तों को पक्का किया जाएगा. इस पर 490 करोड़ रुपये की राशि खर्च होगी.
20 साल से ज्यादा समय से रह रहे किरायेदारों के लिए घोषणा
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने 20 साल से ज्यादा समय से किराये या लीज और लाइसेंस फीस पर चल रही पालिकाओं की दुकानों और मकानों की मलकीयत उन पर काबिज व्यक्तियों को देने की घोषणा की है. इसके लिए एक नीति बनाई गई है, जिसके अंतर्गत काबिज व्यक्ति को मालिकाना हक के लिए क्लेक्टर रेट से भी कम रेट की अदायगी करनी होगी.
मुख्यमंत्री ने कहा कि पालिका की तहबाजारी पर दी गई भूमि जिस पर मकान/दुकान हो या किराये/लीज/लाइसेंस फीस/तहबाजारी पर दिये गए दुकान/मकान जिनकी अवधि 20 साल या उससे ज्यादा अवधि 31 दिसंबर, 2020 को हो गई है, के कानूनी कब्जाधारियों को इस पॉलिसी के अंतर्गत मलकीयत का अधिकार दिया जाएगा.
उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि जिन्हें किराये/लीज/ लाइसेंस फीस/तहबाजारी मकान/दुकान लिए 20 साल हो गए हैं, उन्हें वर्तमान कलेक्टर रेट पर 20 प्रतिशत की छूट दी जाएगी. इसी प्रकार, जिन्हें 50 साल हो गए हैं उन्हें 50 प्रतिशत तक की छूट दी जाएगी. इसके अलावा, अगर किसी कब्जाधारी को 50 साल से ज्याजा हुए हैं, तो उस स्थिति में उसे वर्तमान कलेक्टर रेट पर अधिकतम 50 प्रतिशत की ही छूट दी जाएगी
सीएम मनोहर लाल ने कहा कि सक्षम प्राधिकारी द्वारा योग्य पाए गए आवेदकों से संबंधित पालिकाएं 15 दिन के अंदर अदा की जाने वाली राशि का नोटिस जारी करेंगी. नोटिस जारी करने की तिथि से 15 दिन के अंदर कुल निर्धारित राशि की 25 प्रतिशत राशि संबंधित पालिका में जमा करानी होगी और शेष 75 प्रतिशत राशि आगामी तीन माह में जमा करानी होगी.
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मुख्यमंत्री ने घोषणा करते हुए कहा कि पालिका द्वारा भूमि या उस पर निर्मित भवन जो एक या एक से ज्यादा कब्जाधारियों को आवंटित किया हुआ हो, तो उस पर तय फॉर्मूला के अनुसार राशि की अदायगी करनी होगी. उन्होंने कहा कि अगर सिर्फ एक आवंटी को निर्मित भवन आवंटन किया जाना है तो उसके लिए बेस रेट की अदायगी करनी होगी. अगर नगरपालिका ने दो तल का निर्माण किया है और प्रत्येक तल विभिन्न आवंटियों को देना हो तो भू-तल के लिए बेस रेट का 60 प्रतिशत और प्रथम तल के लिए बेस रेट का 40 प्रतिशत राशि का भुगतान करना होगा.
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इसी प्रकार, अगर नगरपालिका ने तीन मंजिल भवन का विभिन्न आवंटियों को आवंटन करना हो तो भू-तल के लिए बेस रेट का 50 प्रतिशत, प्रथम तल के लिए बेस रेट का 30 प्रतिशत और द्वितीय तल के लिए बेस रेट का 20 प्रतिशत राशि का भगुतान करना होगा. उन्होंने कहा कि अगर पालिका ने दो तल या तीन तल के भवन विभिन्न आवंटियों को आवंटित किए हुए हों तो छत का अधिकार ऊपरी तल के आवेदक का होगा, लेकिन इस पर अतिरिक्त निर्माण का अधिकार नहीं होगा.
पालिकाओं की अनुपयोगी भूमि को बेचने का अधिकार पालिकाओं को होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने राजस्व रास्तों की भूमि के आदान-प्रदान के आदेश जारी किए थे. इनके अलावा भी पालिकाओं में काफी जमीनें अलग-अलग टुकड़ों में विद्यमान हैं. जिनका कोई उपयोग नहीं हो रहा है और इन पर अवैध कब्जा होने की संभावना बनी रहती है, इसलिए इन जमीनों को बेचने के लिए पालिकाओं को ही अधिकार देने का निर्णय लिया है.