चंडीगढ़: 'वन नेशन, वन मार्केट' के सपने को पूरा करने के लिए तीन कृषि कानूनों को लाया गया है. नए कानून के मुताबिक अब किसी भी राज्य का किसान किसी भी दूसरे राज्य में जाकर अपनी फसल बेच सकता है और इस कानून को सबसे पहले लागू करने वाला हरियाणा पहला राज्य बन गया है.
इससे पहले हरियाणा में बाहरी राज्य के किसानों की फसल नहीं खरीदी जाती थी, लेकिन अब नए कृषि कानूनों के आने के बाद कोई भी दूसरे राज्य का किसान हरियाणा में अपनी फसल बेच सकता है. दूसरे राज्यों के किसानों से फसल खरीदने की प्रक्रिया 5 अक्टूबर से शुरू हो गई है. अभी फिलहाल प्रदेश में धान की खरीद की जा रही है. इसके अलावा कुरुक्षेत्र की लाडवा मंडी में दूसरे राज्यों से आए किसानों की औषधी फसल की भी खरीद हो रही है.
पड़ोसी किसान इन शर्तों पर हरियाणा में बेच पाएंगे अपनी फसल
- पड़ोसी राज्य के किसान हरियाणा में अभी सिर्फ धान बेच पाएंगे.
- फसल बेचने के लिए किसानों को खरीद से पहले हरियाणा सरकार के मेरी फसल-मेरा ब्योरा पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा.
- किसान ने कितनी जमीन पर फसल बोई है इसकी जानकारी किसान को अपने साथ लानी होगी.
- किसान ने फसल अगर ठेके पर बोई है तो फसल बेचने के लिए उसे जमीन मालिक को फर्द के साथ मंडी में लाना होगा.
- कुल जमीन के जितने हिस्से में धान बोया है? उस जमीन का खसरा और गिरदावरी नंबर की जानकारी भी देनी होगी.
- पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के बाद फसल बेचने के लिए किसान के मोबाइल पर अपनी बारी से संबंधित एसएमएस आएगा. उसी तिथि पर किसान अपनी फसल हरियाणा की मंडियों में बेचने लाएगा.
- पड़ोसी राज्यों से आने वाले सभी किसानों को मंडी में प्रवेश के दौरान कोविड-19 से जुड़े तमाम निर्देशों को मानना होगा.