चंडीगढ़: हरियाणा सरकार के मंत्रियों को आवंटित किए गए विभागों की नई सूची जारी हो गई है. नई सूची में सीआईडी को मुख्यमंत्री मनोहर के पास दिखाया गया है. मुख्यमंत्री के पास सीआईडी समेत कुल 15 विभाग हैं. नई सूची में निर्वाचन विभाग कैबिनेट मंत्री मूलचन्द शर्मा के पास दिखाया गया है. उपमुख्यमंत्री दुष्यन्त चौटाला के पास 10 और गृह मंत्री अनिल विज के पास गृह समेत 7 विभाग हैं.
जानें कब शुरू हुआ था विवाद
मनोहर सरकार के दूसरे कार्यकाल में गृह मंत्रालय अनिल विज को दिया गया. अब गृहमंत्री अनिल विज लगातार बिजनेस ऑफ रूल्स का हवाला देकर सीआईडी को गृह विभाग के अधीन बताया, लेकिन सरकारी वेबसाइट पर सीआईडी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दिखाया गया. वहीं सीआईडी चीफ अनिल राव की ओर से अनिल विज को डेली ब्रिफिंग नहीं की जा रही थी. सीआईडी चीफ अनिल राव सीधा मुख्यमंत्री मनोहर लाल को ब्रिफ कर कर रहे थे.
सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र की कॉपी इसे अनुशासहीनता मानते हुए विज ने एडीजीपी को सीआईडी चीफ अनिल राव के खिलाफ चार्जशीट करने के आदेश दिए. अनिल विज ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव (एसीएस) विजय वर्धन को दिए लिखित आदेशों में कहा कि सीआईडी चीफ उन्हें इंटेलीजेंस की डेली ब्रीफिंग नहीं दे रहे हैं.
गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि इनपुट ना मिलने के कारण कभी कोई अशांति होती है तो उससे कैसे निपटा जा सकेगा. विज ने अनिल राव को सीआईडी चीफ के पद से हटाकर एडीजीपी श्रीकांत जाधव को लगाने को कहा. श्रीकांत जाधव पुलिस हेडक्वार्टर में एडीजी, मॉडर्नाइजेशन एंड वेलफेयर के पद पर कार्यरत हैं.
सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र की कॉपी विज की मंजूरी के बिना आईपीएस के ट्रांसफर से पनपा विवाद
गृह मंत्री अनिल विज ने 11 दिसंबर को सीआईडी चीफ से चुनाव संबंधी रिपोर्ट मांगी. 25 दिसंबर को विज ने सीआईडी चीफ को रिमाइंडर भेजा. इसके बावजूद भी रिपोर्ट नहीं दी गई तो 31 दिसंबर को अनिल विज ने स्पष्टीकरण मांगा. शाम को सीआईडी चीफ ने सीलबंद लिफाफे में कुछ रिपोर्ट भेजी. रिपोर्ट देखने के बाद विज ने दोबारा लिखा कि ये वो रिपोर्ट नहीं है, जो मांगी गई थी.
सरकार की तरफ से जारी किए गए पत्र की कॉपी कब-कब क्या हुआ?- गृह मंत्री अनिल विज ने सीआईडी चीफ को 3 दिन में स्पष्टीकरण देने को कहा था, जो 20 दिन का वक्त गुजरने पर भी अनिल राव ने नहीं भेजा.
- 28 दिसंबर को सीएम के आदेश बता तत्कालीन एसीएस होम ने 9 आईपीएस अफसरों के तबादले की लिस्ट विज की असहमति के बावजूद जारी कर दी. विज की आपत्ति के बाद भी लिस्ट वापस नहीं हुई.
- विज के स्वास्थ्य विभाग में 447 डॉक्टरों की भर्ती को भी सीएमओ ने रोक दिया.
सीएम और गृहमंत्री के विरोधाभासी बयान
विज सीआईडी की कार्यप्रणाली को फिसड्डी बता इसमें सुधार के लिए 3 सदस्यीय कमेटी गठित किया.
विज ने दावा किया कि सीआईडी गृह विभाग का हिस्सा है और ये उन्हीं के पास है. वहीं, सीएम ने कहा था कि पहले सीआईडी मुख्यमंत्री के पास ही रहा है. कुछ टेक्निकल इश्यू है, जिसे ठीक कर लिया जाएगा.
सीआईडी विभाग मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास रहेगा या फिर गृह मंत्री अनिल विज के? इस सवाल को लेकर लगातार बैठकों का दौर चला. केंद्रीय मंत्रियों से लगातार गृहमंत्री अनिल विज और मुख्यमंत्री मनोहर लाल की बैठक जारी रही. जिसके बाद मुख्यमंत्री की सिफारिश पर राज्यपाल ने साआईडी को मुख्यमंत्री के पास होने की पुष्टी की. इसके बाद मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा ने लेटर जारी कर दो मंत्रियों के विभाग बदली होने की बात कही.
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अब मंत्रियों के बदले हुए विभागों की नई लिस्ट जारी हुई है. नई लिस्ट में सीआईडी को मुख्यमंत्री मनोहर लाल के पास दिखाया गया है.