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बाढ़ से बर्बाद हुई फसलों के नुकसान की भरपाई करेगी सरकार, डिप्टी सीएम बोले- रिपोर्ट मिलते ही किसानों के खातों में ट्रांसफर की जाएगी मुआवजा राशि - बाढ़ से खराब फसल का मुआवजा

हरियाणा में बाढ़ के चलते किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बारिश और बाढ़ से खराब हुई फसलों के नुकसान का आकलन किया जाएगा. जिसके बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

compensation for crops damaged by floods
compensation for crops damaged by floods

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Published : Jul 18, 2023, 7:25 AM IST

Updated : Jul 18, 2023, 11:55 AM IST

चंडीगढ़: हरियाणा के कई जिलों में बाढ़ की वजह से करोड़ों रुपये का नुकसान हुआ है, हालांकि अभी तक नुकसान का आंकलन नहीं किया गया है, लेकिन बाढ़ से किसानों की हजारों एकड़ फसल बर्बाद हो गई. हरियाणा सरकार की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सूबे में 1 लाख 67 हजार 277 एकड़ जमीन जलभराव की वजह से प्रभावित हुई है. हरियाणा के उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि बारिश और बाढ़ से खराब हुई फसलों के नुकसान का आकलन किया जाएगा. जिसके बाद किसानों को मुआवजा दिया जाएगा.

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दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिला अधिकारियों को बाढ़ से प्रभावित फसलों की रिपोर्ट बनाने के आदेश दे दिए गए हैं. जहां भी 100 प्रतिशत नुकसान की रिपोर्ट आएगी. वहां प्रति एकड़ 15000 रुपये तुरंत किसानों के खाते में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे. जहां पर फसल का नुकसान 75 से 70% से नीचे रहेगा, क्योंकि उस नुकसान का आकलन आज और फसल बेचने के बाद मिलकर किया जाता है. उसको समय अनुसार मुआवजा दिया जाएगा. दुष्यंत ने कहा कि अगर किसी का शत-प्रतिशत नुकसान हुआ होगा, तो उसे रिपोर्ट आते ही मुआवजा दिया जाएगा.

बाढ़ से प्रभावित लोगों को मिलेगा मुआवजा

जलभराव से नुकसान पर कृषि विभाग के अधिकारी डॉक्टर करमचंद ने कहा कि हरियाणा के काफी क्षेत्र बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं. धान की फसल बाढ़ के पानी से काफी प्रभावित हुई है. अगर धान की रोपाई बरसात और बाढ़ के पानी से तीन से चार दिन पहले तक की है, तो उसमें फसल को 50% से 70% तक नुकसान होने का अनुमान होता है. ये नुकसान तब होता है. जब पानी खड़ा होता है. अगर पानी खेत में से चल रहा है, तो उसमें 10 से 20% नुकसान होने का अनुमान होता है.

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कृषि अधिकारी ने कहा कि अगर धान की रोपाई को ज्यादा दिन हो जाते हैं और उसमें बाढ़ का पानी चल रहा है, तो उसमें नाममात्र ही नुकसान होने के आसार होते हैं. अगर पानी रुका हुआ है, तो उसमें 20 से 30% नुकसान हो सकता है. कृषि अधिकारी के मुताबिक धान वाले खेत में 2 इंच तक पानी होना चाहिए. अगर खेत में ज्यादा पानी है और पौधे डूब रहे हैं, तो पानी निकासी की आवश्यकता होती है. उन्होंने बताया कि धान का पौधा ऑक्सीजन जड़ की बजाय पत्ते से लेता है. लिहाजा जहां पर पौधे की निचली दो पत्त‍ियां हैं, वहां तक जल स्तर बेहतर है.

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उन्होंने कहा कि अगर आपके खेत में धान के पौधे छोटे हैं, तो दो इंच तक पानी रखा जा सकता है. अगर पौधे 7 से 8 इंच तक हैं, तो खेत में 4 इंच तक पानी बना कर रखा जाता है. अगर खेत में धान के पौधे एक या दो इंच पानी में ऊपर दिखाई दे रहे हैं, तो उनमें भी नाम मात्र नुकसान होने के आसार होते हैं. बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में धान की फसल के बचाव पर उन्होंने कहा कि सबसे पहले खेत से पानी की निकासी का प्रबंध करें. एक बार खेत पूरा खाली कर लेने के बाद दोबारा पानी दें. इसके बाद खेत में एक बैग यूरिया और साथ में चार से पांच किलोग्राम सल्फर मिलाकर 1 एकड़ में डालें. ऐसे में धान की फसल एक बार फिर से दुरुस्त हो जाएगी और पौधा फुटाव करने लगेगा.

Last Updated : Jul 18, 2023, 11:55 AM IST

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