चंडीगढ़:हरियाणा में भर्तियों का होना तो मानो नामुमकिन हो गया है. प्रदेश में कोई भर्ती निकले उससे पहले भर्ती परीक्षा ही रद्द कर दी जाती है. कभी कोर्ट का स्टे, तो कभी परीक्षा लीक हो जाती है. हाल ही में स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (Haryana Staff Selection Commission) की तरफ से सिपाही पद के लिए परीक्षा का आयोजन किया गया था, लेकिन पेपरलीक होने की वजह से ये भी रद्द (haryana constable exam cancel) कर दी गई.
इस मामले में अब तक 20 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. मुख्य आरोपी एक पुलिस कर्मचारी है जो अभी फरार बताया जा रहा है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि हरियाणा में भर्ती परीक्षा को रद्द करवाने वाले वही निकले जिन पर सुरक्षा की जिम्मेदारी थी. इससे पहले जनवरी में ग्राम सचिव की परीक्षा भी लीक होने की वजह से रद्द कर दी गई. ग्राम सचिव भर्ती के लिए करीब 600 पदों के लिए 6 लाख परीक्षार्थियों ने ये परीक्षा दी थी. बताया जा रहा है कि मुख्य आरोपी परीक्षा केंद्र में बतौर पर्यवेक्षक तैनात था.
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सितंबर 2020 में नायब तहसीलदार भर्ती मामले में भी पेपर लीक का मामला सामने आया था. इस मामले में भी करनाल के राजीव भुटानी नाम के स्कूल प्रिंसिपल का नाम सामने आया था. रेवाड़ी की अदालत में राजीव भुटानी को दोषी करार देते हुए सजा भी सुनाई थी. कुछ दिनों के बाद जेल से छूट कर दोबारा प्रिंसिपल का पदभार संभाल लिया, लेकिन मीडिया में बात खुलने के बाद उन्हें दोबारा सस्पेंड कर दिया गया.
इससे पहले मई 2019 में भी नायब तहसीलदार के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित करवाई गई थी, लेकिन वो भी पेपर लीक होने की वजह से रद्द कर दी गई. इस वारदात का मास्टर माइंड भी महम का एक कॉलेज संचालक था. परीक्षा केंद्र सुप्रीटेंडेंट जसवीर से पूछताछ के दौरान पूरी वारदात का खुलासा किया है. पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी ने कई पेपर लीक किए जाने और परीक्षा केंद्र तक आंसर-की पहुंचाने की बात कबूल की थी.