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जानिए हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लिए क्यों अहम हो सकते हैं पांच राज्यों के चुनावी नतीजे? - हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा

Haryana Congress Mission 2024 लोकसभा चुनाव 2024 और इसके बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे पहले पांच राज्यों में हो रहे विधानसभा चुनाव हरियाणा कांग्रेस नेताओं के लिए काफी अहम माने जा रहे हैं. इस विधानसभा चुनाव से नेताओं को एक नई गति और दिशा मिल सकती है. आखिर हरियाणा कांग्रेस के कुछ नेताओं के लिए ये चुनाव क्यों अहम माने जा रहे हैं, जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.

Haryana Congress Mission 2024
हरियाणा कांग्रेस मिशन 2024

By ETV Bharat Haryana Team

Published : Nov 19, 2023, 12:08 PM IST

चंडीगढ़: देश के पांच राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के लिए भी अहम साबित हो सकते हैं. क्योंकि तीन राज्यों में हरियाणा कांग्रेस के दिग्गज नेता सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं. प्रदेश कांग्रेस की गुटबाजी को देखते हुए इन नेताओं को हाईकमान के सामने खुद को साबित करने का यह सुनहरा मौका भी है.

मध्यप्रदेश प्रभारी की भूमिका में रणदीप सुरजेवाला: कर्नाटक विधानसभा चुनाव में खुद को वहां का प्रभारी रहकर जीत दर्ज कराने में अपनी अहम भूमिका निभाने वाले रणदीप सुरजेवाला के पास इस वक्त प्रभारी के तौर पर मध्य प्रदेश की जिम्मेदारी है. कर्नाटक की जीत ने वैसे भी पार्टी हाईकमान के सामने उनका कद बड़ा कर दिया था. वहीं, अब मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में लौटती है तो वह सुरजेवाला एक मजबूत नेता के तौर पर राष्ट्रीय राजनीति के साथ हरियाणा में भी उभर कर सामने आ सकते हैं. वही, रणदीप सुरजेवाला उनके बढ़ते कद के बाद हरियाणा की सियासत में भी और अधिक सक्रिय भूमिका में दिखाई दे सकते हैं.

चुनावी नतीजों के आधार पर रणदीप सुरजेवाला को मिल सकती है जिम्मेदारी: रणदीप सुरजेवाला को लेकर वरिष्ठ पत्रकार प्रोफेसर गुरमीत सिंह कहते हैं कि हरियाणा में जिस तरीके की गुटबाजी है. ऐसे में अगर सुरजेवाला मध्य प्रदेश में भी कर्नाटक की तरह कांग्रेस को सत्ता में लाने में कामयाब हुए तो निश्चित तौर पर ही उन्हें इसका फायदा आने वाले हरियाणा के चुनाव में भी मिलेगा. यानी वह हुड्डा खेमे के लिए एक बड़ी चुनौती के तौर पर उभर कर सामने आ सकते हैं. वे यह भी कहते हैं कि रणदीप सुरजेवाला पहले से ही आला कमान के नजदीकी हैं. ऐसे में अगर मध्य प्रदेश में वे अपना करिश्मा बरकरार रखने में कामयाब होते हैं तो फिर उनको हम कांग्रेस में किसी और बड़ी भूमिका में आने वाले दिनों में देख सकते हैं.

कुमारी सैलजा निभा रहीं छत्तीसगढ़ कांग्रेस प्रभारी की जिम्मेदारी: इसके साथ ही हरियाणा कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष कुमारी सैलजा छत्तीसगढ़ की प्रभारी के तौर पर अपनी जिम्मेदारी निभा रही हैं. वे भी आला कमान की पहले से ही नजदीकी रही है. हरियाणा कांग्रेस में वे सुरजेवाला के साथ खड़ी दिखाई देती हैं. इन दोनों नेताओं का साथ हरियाणा कांग्रेस की वरिष्ठ नेता किरण चौधरी भी खड़ी हैं. वहीं, छत्तीसगढ़ के चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो उसका सीधा लाभ कुमारी सैलजा को भी मिलेगा. यानी उनके सामने भी यह चुनाव खुद को साबित करने के साथ-साथ खुद को आला कमान के सामने एक बड़े नेता के तौर पर पेश करने के लिए अहम है.

'हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी से संगठन विस्तार में देरी': कुमारी सैलजा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार राजेश मोदगिल हैं कि कुमारी सैलजा हों या रणदीप सुरजेवाला या उनके साथ जुड़ा कोई अन्य और नेता, अगर छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो इन नेताओं को हम आने वाले दिनों में हरियाणा की सियासत में और सक्रिय भूमिका में देखेंगे. वे कहते हैं कि हरियाणा कांग्रेस की गुटबाजी की वजह से आला कमान अभी तक संगठन की घोषणा नहीं कर पाया है. वहीं, अगर इन राज्यों में पार्टी को सफलता मिलती है तो उसका असर उस सूची पर भी देखने को मिल सकता है.

नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और किरण चौधरी राजस्थान में सक्रिय: हरियाणा कांग्रेस की दिग्गज नेता किरण चौधरी राजस्थान चुनाव में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से कोऑर्डिनेटर बनाई गई है. यानी वे भी अहम भूमिका में राजस्थान चुनाव में काम कर रही है. किरण चौधरी भी सुरजेवाला और कुमारी सैलजा के साथ हरियाणा में भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ खड़े होने वाले गुट में शामिल हैं. ऐसे में राजस्थान के चुनावी नतीजे उनके लिए भी आने वाले दिनों की सियासत में अहम भूमिका निभा सकते हैं.

हरियाणा की सियासत को बैलेंस करने की कोशिश!: वहीं, नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भी राजस्थान चुनाव में ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की ओर से विशेष पर्यवेक्षक के तौर पर तैनात किया गया है. यानी हाई कमान ने भी हरियाणा की सियासत को बैलेंस करने के लिए उन्हें राजस्थान में तैनात किया हुआ है. इस अहम जिम्मेदारी को निभा रहे भूपेंद्र सिंह हुड्डा के लिए राजस्थान की चुनावी नतीजे प्रदेश में उनकी सियासत पर कई मायनों में असर भी करेंगे.

विधानसभा चुनाव और हरियाणा कांग्रेस नेताओं के सामने चुनौती: नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और किरण चौधरी को राजस्थान में मिली जिम्मेदारी के संबंध में बात करते हुए वरिष्ठ पत्रकार धीरेंद्र अवस्थी कहते हैं कि इन नेताओं को यह भूमिका देकर आला कमान ने हरियाणा के बड़े चेहरे को बैलेंस करने का काम किया है. वह कहते हैं कि बात चाहे राजस्थान की हो या फिर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की अगर इन राज्यों के चुनावी नतीजे कांग्रेस के पक्ष में आते हैं तो फिर निश्चित तौर पर ही हरियाणा कांग्रेस में भी इसका असर देखने को मिलेगा और हो सकता है कि इन चुनाव के नतीजों के बाद कुछ नेताओं की प्रदेश के आने वाले चुनावों में भूमिका भी बदले.

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