चंडीगढ़: हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने मंगलवार को प्रशासनिक सचिवों एवं जिला उपायुक्तों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से राज्य स्तरीय दिशा समिति की बैठक की अध्यक्षता की. इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिये कि प्रदेश में एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों में विद्यार्थियों को आने-जाने में किसी प्रकार की कोई कठिनाई न आए. इसके लिए छोटे वाहनों के माध्यम से छात्रों को आवागमन की सुविधा प्रदान की जाए. इस कार्य की समुचित मॉनिटरिंग के लिए स्कूल के एक शिक्षक को नोडल अधिकारी बनाया जाए. यदि ऐसा संभव नहीं है तो छात्रों को किराया दिया जाने के संबंध में भी एक प्लान तैयार किया जाए. वर्तमान में छात्राओं की सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के लिए परिवहन सुविधा मुहैया करवाई जा रही है.
इस बैठक की सह-अध्यक्षता विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली ने की. बैठक में सांसद रमेश चंद्र कौशिक, राज्यसभा सांसद लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) डी. पी. वत्स, विधायक डॉ अभय सिंह यादव, निर्मल रानी और मामन खान भी मौजूद रहे. बैठक के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों की विभिन्न योजनाओं की विस्तार से समीक्षा की गई.
स्कूल ड्रॉप आउट कम करने के लिए की जा रही बच्चों की ट्रैकिंग: मुख्यमंत्री ने कहा कि स्कूल ड्रॉप आउट पर अंकुश लगाने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है. इसके लिए स्कूल शिक्षा विभाग को 6 से 18 वर्ष आयु वर्ग की जिम्मेदारी दी गई है. विभाग की ओर से प्रत्येक बच्चे की ट्रैकिंग की जा रही है और ऐसे बच्चे जो न सरकारी व निजी स्कूलों, न गुरुकुल या मदरसे कहीं भी शिक्षा प्राप्त नहीं कर रहे हैं, उन बच्चों को ट्रैक कर उन्हें स्कूलों में लाया जाएगा, ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे.
गरीबों व जरूरतमंदों को घर मुहैया करवाने के लिए राज्य सरकार बना रही योजना:सीएम ने कहा कि राज्य सरकार हर जरूरतमंद व्यक्ति, जिसके पास मकान नहीं है, उसके सिर पर छत मुहैया करवाने के लिए प्रतिबद्ध है. उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) और अर्बन की समीक्षा करते हुए निर्देश दिए कि इन योजनाओं के अलावा, राज्य सरकार के स्तर पर अलग से भी योजना बनानी पड़े तो बनाएं, ताकि कोई भी जरूरतमंद व्यक्ति बिना घर के ना रहे. इसके लिए बैंकों के साथ लिंक करके या राज्य सरकार द्वारा कुछ हिस्सा देकर घर मुहैया करवाने की संभावनाएं तलाशी जाएं. इस बैठक में बताया गया कि प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत जिन लाभार्थियों को पहली किस्त मिल चुकी थी, उनकी दूसरी और तीसरी किस्त भी जारी कर दी गई है.
सॉयल हेल्थ कार्ड का धरातल पर पूर्ण उपयोग हो सुनिश्चित, किसानों को करें जागरूक: सॉयल हेल्थ कार्ड प्रोग्राम की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृषि विभाग किसानों को जागरूक करने के लिए विशेष जागरूकता अभियान चलाए और किसानों को अवगत करवाएं कि सॉयल हेल्थ कार्ड के क्या फायदे हैं और फसल पैदावार में यह किस प्रकार सहायक हैं, ताकि सॉयल हेल्थ कार्ड का धरातल पर पूर्ण उपयोग सुनिश्चित हो सके.
परंपरागत कृषि विकास योजना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि राज्य सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के लिए निरंतर प्रयास कर रही है. इसलिए किसान परंपरागत खेती से हटकर प्राकृतिक खेती को अपनाएं, इसके लिए उन्हें जागरूक करने के साथ-साथ उनकी ट्रेनिंग भी करवाई जाए.