चंडीगढ़: हरियाणा कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए. हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की बैठक में हरियाणा के 60 वर्ष से अधिक आयु के मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई. इसके अलावा इस बैठक में कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मंजूरी मिली.
मीडियाकर्मियों के हित में अहम फैसला: बुधवार को चंडीगढ़ में कैबिनेट की बैठक में मीडियाकर्मियों के हित में एक और अहम निर्णय लिया गया. हरियाणा के 60 वर्ष से अधिक आयु के मान्यता प्राप्त मीडियाकर्मियों के लिए पेंशन योजना में संशोधन से संबंधित एक प्रस्ताव को मंजूरी दी गई है. इस निर्णय के बाद राज्य सरकार द्वारा पहले से चलायी जा रही पत्रकार पेंशन योजना के तहत मान्यता प्राप्त मीडिया कर्मियों की पेंशन 10,000 रुपये से बढ़ाकर 15,000 रुपये प्रतिमाह दी जाएगी. हरियाणा में पत्रकारिता के क्षेत्र में कम से कम 20 वर्षों का अनुभव रखने वाले 60 वर्ष से अधिक आयु के मीडियाकर्मी इस योजना के हकदार हैं. इसके लिए मीडियाकर्मी को कम से कम पांच वर्षों के लिए सूचना, जनसंपर्क भाषा एवं सांस्कृतिक विभाग, हरियाणा से मान्यता प्राप्त होना चाहिए. किसी अन्य राज्य सरकार या समाचार संगठन से किसी भी प्रकार की पेंशन या मानदेय प्राप्त करने वाला मीडियाकर्मी भी पात्र होगा.
ऐसे उठा सकते हैं पेंशन योजना का लाभ: पेंशन चाहने वाला आवेदक अगर हरियाणा निवासी है तो आधार कार्ड और परिवार पहचान पत्र की फोटो प्रतियां जमा करनी होंगी. अगर पात्र आवेदक हरियाणा का निवासी नहीं है तो उसको परिवार पहचान पत्र (अस्थायी) के साथ आधार कार्ड की प्रति जमा करनी होगी. योजना के तहत लाभ प्राप्त करने वाले मीडियाकर्मियों के लिए परिवार पहचान पत्र अनिवार्य होगा. लाभार्थी मीडियाकर्मी के निधन पर मासिक पेंशन राशि का आधा हिस्सा उसके जीवनसाथी को दिया जाता रहेगा. परिवार का केवल एक सदस्य मासिक पेंशन के अनुदान के लिए पात्र होगा.
कैबिनेट बैठक में लिए गए ये फैसले: कैबिनेट बैठक में पंजीकरण अधिनियम, 1908 की धारा 17 और 18 के तहत संपत्तियों के हस्तांतरण के दस्तावेजों के पंजीकरण के उद्देश्य से प्रत्येक उप-मंडल को एक उप-जिला के रूप में बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की गई है. प्रस्ताव के अनुसार जनता को व्यापक विकल्प प्रदान करने के लिए प्रत्येक उप-मंडल अधिकारी (नागरिक) के कार्यालय को उप-रजिस्ट्रार के कार्यालय के रूप में और प्रत्येक जिला राजस्व अधिकारी के कार्यालय को भी प्रत्येक संबंधित उप-जिला के संयुक्त उप-रजिस्ट्रार के दफ्तर के रूप में स्थापित करना उचित समझा गया है.
पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति हरियाणा 2023 को मंजूरी: हरियाणा मंत्रिमंडल की बैठक में राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके आस-पास लगते क्षेत्रों में पराली जलाने के मामलों में कमी लाने के लिए सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. टिकाऊ ऊर्जा के लिए धान की पराली का उपयोग करने और 2027 तक फसल अवशेष जलाने को खत्म करने के लिए पराली एक्स-सीटू प्रबंधन नीति हरियाणा 2023 को मंजूरी दी गई. हरियाणा एक्स-सीटू मैनेजमेंट ऑफ पैडी स्ट्रॉ पॉलिसी 2023 बेहरतरीन नीति है. यह नीति धान के भूसे-आधारित परियोजनाओं में निजी निवेश बढ़ाने, किसानों को प्रोत्साहित कर जिम्मेदारी के साथ पराली का उपयोग सुनिश्चित करने और किसानों और उद्योगों के बीच एक मजबूत संबंध स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी.
इस नीति से पराली जलाने में आएगी कमी: इस नीति का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और उसके आस-पास के लगते क्षेत्रों में पराली जलाने के मामलों को कम करना है. क्योंकि हरियाणा में हर वर्ष लगभग 30 लाख टन धान की पराली उपलब्ध होती है. धान की पराली से बिजली, बायोगैस, बायो सीएनजी, जैव-खाद, जैव-ईंधन, इथेनॉल उत्पन्न किए जा सकते हैं। किसानों को खेत में पराली काटने, गठ्ठे बनाने और भंडारण करने में भी उपयोगी होगी। इस नीति में धान के भूसे को काटने, एकत्र करने, बेलने, भंडारण करने और भूसे-आधारित उद्योगों और संयंत्रों तक परिवहन के लिए उपयोग किए जाने वाले कृषि उपकरणों और मशीनरी पर किसान और संबंधित संगठन सब्सिडी के लिए भी पात्र होंगे.