चंडीगढ़: हरियाणा बीजेपी विधायक दल की बैठक में सीएम मनोहर लाल ने विधायकों को सीएम और सांसदों की तर्ज पर दूसरे जिले की विधानसभा क्षेत्र या अपनी विधानसभा के साथ लगती विधानसभा में जनसंवाद करने के निर्देश दिए हैं. साथ ही विधायकों को सोशल मीडिया पर भी अपडेट होने के लिए कहा गया है. दरअसल 2 महीने पहले विधायकों के विधानसभा में जाने पर अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी. वहीं, पहले पार्टी की ओर से सीएम के साथ-साथ मंत्रियों और सांसदों के जनता दरबार का कार्यक्रम चल रहा था. लेकिन, अब विधायकों को भी मैदान में उतर कर जनता दरबार लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
विधायक उतरेंगे मैदान में, क्या है सवाल?: ऐसे में जब लोकसभा चुनाव के बाद प्रदेश में विधानसभा चुनाव होने हैं, तो विधायकों की जनसंवाद की जिम्मेदारी लगाने पर कई सवाल भी उठते हैं? क्या पार्टी की इस रणनीति में मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री से मुलाकात के बाद बदलाव हुआ है? इसके पीछे पार्टी की क्या रणनीति है आखिर विधायक अपने विधानसभा छोड़कर अन्य विधानसभाओं में क्यों जनसंवाद कर रहे हैं? क्या यह पार्टी की आगामी लोकसभा और विधानसभा के चुनाव की रणनीति का हिस्सा है? इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी विधायकों को एक्टिव रहने के लिए कहा गया है. क्या पार्टी भी मानती है कि सोशल मीडिया चुनाव में अहम भूमिका निभाता है? या क्या इन प्रयासों से सरकार की जो योजनाएं हैं उनका भी फीडबैक लिया जाएगा?
क्या है सरकार इसके पीछे की रणनीति?: इस मामले में हरियाणा सरकार के मीडिया सचिव प्रवीण अत्रे कहते हैं कि 2 महीने पहले तक स्थिति यह थी कि अगर विधायक अपने विधानसभा के क्षेत्र में जा रहे हैं तो अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य नहीं थी. हाल ही में मुख्यमंत्री ने विधायकों के साथ बैठक की तो उसमें फैसला लिया गया कि जो विधायक हैं वह पांच अलग-अलग जगहों पर जनसंवाद करेंगे.
क्या है उद्देश्य?: प्रवीण अत्रे कहते हैं कि मुख्यमंत्री का इसको लेकर विजन यह है कि हरियाणा सरकार ने बीते 9 साल में जितनी भी जनहितैषी योजनाएं बनाई है, इसका लाभ पात्र व्यक्ति को निश्चित समय पर मिल रहा है, यह सुनिश्चित किया जाए. योजनाओं का लाभ धरातल तक पहुंचे उसके लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने पूरी व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त किया.
'सरकारी योजनाओं की जानकारी जनता तक पहुंचाएं विधायक': कोई भी पात्र व्यक्ति योजनाओं से वंचित न रहे, इसके लिए विधायकों का भी कर्तव्य बनता है. इसलिए मुख्यमंत्री ने विधायकों से कहा है कि आप जनसंवाद करें आप जनता के बीच जाएं, उनकी बात सुनें. अगर किसी को कोई समस्याएं हैं तो उसका समाधान भी वहीं पर हो. उसके लिए जरूरी है कि विभाग के अधिकारी वहां उपस्थित होंगे. ताकि लोगों की समस्याओं का तुरंत समाधान हो, इसके लिए यह योजना बनाई गई है.
PM नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद बदली पार्टी की रणनीति!: चर्चा तो यह भी है कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल की प्रधानमंत्री के साथ मुलाकात के बाद सरकार ने अपनी रणनीति में बदलाव लाया है, इसको लेकर प्रवीण अत्रे कहते हैं कि ऐसा नहीं है, मुख्यमंत्री की प्रधानमंत्री के साथ यह पहली मुलाकात नहीं है. 2014 में जब प्रदेश में बीजेपी की सरकार बनी थी, तो पहला उद्देश्य यह था कि व्यवस्था को बदला जाए. क्योंकि उस वक्त पूरा हरियाणा भाई भतीजावाद, जातिवाद क्षेत्रवाद और भ्रष्टाचार के लिए बदनाम था. इसलिए मुख्यमंत्री ने पदभार संभालते ही, उस व्यवस्था पर चोट की और पूरे तंत्र को बदला. मुख्यमंत्री ने पारदर्शी सरकार दी और आम आदमी तक सरकार को पहुंचाया. जहां तक सरकार की योजनाओं का सवाल है वह जनता तक किस तरह पहुंच रही है और उस पर किस तरह का काम हो रहा है, इसको लेकर प्रधानमंत्री से लगातार बात होती रहती है.
हरियाणा में बीजेपी विधायक भी करेंगे जनसंवाद: हालांकि राजनीतिक गलियारों में इसको लेकर यह चर्चा है कि सरकार विधायकों को अलग-अलग पांच जगह पर जनता दरबार लगाकर इस चुनावी साल में जमीनी स्तर पर सक्रिय दिखाई देना चाहती है. यानी सरकार यह एक रणनीति के मुताबिक कर रही है. इसको लेकर प्रवीण अत्रे कहते हैं सरकार के इस कदम को रणनीति कहना गलत होगा. इसका उद्देश्य यह है कि सरकार की योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति तक पहुंचे. वे कहते हैं कि प्रदेश में 90 विधानसभा है और हमारे पास 41 विधायक हैं, यह स्वाभाविक है कि एक विधायक को एक से ज्यादा विधानसभा में जाना होगा. तभी जनसंवाद के जरिए 90 के 90 विधानसभा कवर हो पाएंगी और यह भी पूरे प्रदेश में सुनिश्चित हो पाएगा कि योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति को मिल रहा है.