चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा का बजट सत्र फरवरी महीने के अंतिम हफ्ते में हो सकता है. हालांकि तारीखों की घोषणा 10 फरवरी को होने वाले मंत्रिमंडल की बैठक में तय माना जा रहा है. ईटीवी भारत की टीम ने हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता से आने वाले विधानसभा सत्र को लेकर खास बातचीत की.
सत्र कब होगा और सत्र को लेकर कैसी है तैयारी ?
विधानसभा स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता ने बताया कि अभी बजट सत्र को लेकर फैसला नहीं किया गया है. इस महीने के अंत में सत्र हो सकता है. उन्होंने कहा कि यह विधानसभा सत्र को लेकर पूरी तरह से तैयार हैं. राज्यपाल की तरफ से आदेश आते हैं. हमारी तैयारी पूरी है.
आगामी विधानसभा सत्र को लेकर स्पीकर ज्ञानचंद गुप्ता से खास बातचीत, देखिए वीडियो उन्होंने कहा कि इस बार कोरोना का प्रकोप कुछ कम हो गया है. सोशल डिस्टेंसिंग के मुताबिक सत्र चलाया जाए और मीडिया कर्मियों और आंगतुकों को आने की अनुमति दी जाए. इसको लेकर स्थितियों को देखकर आगामी समय मे फैसला लिया जाएगा. सत्र शुरू होने से पहले 15 दिन पहले इसकी जानकारी देनी होती है. ऐसे में इस महीने के अंत तक सत्र हो सकता है.
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क्या है अविश्वास प्रस्ताव पर स्तिथी ?
कांग्रेस की तरफ से सत्र के दौरान अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बयानों पर हरियाणा विधान सभा स्पीकर ने कहा कि विपक्ष चाहे तो सदन में अविश्वास प्रस्ताव ला सकता है, लेकिन अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा होगी. अगर नियमों के अनुसार 18 सदस्य खड़े होकर या लिखकर दें तो अविश्वास प्रस्ताव पर विचार किया जा सकता है.
उन्होंने कहा कि नियमों के अनुसार प्रस्ताव आने के बाद ही इस पर निर्णय लिया जाएगा. विधानसभा स्पीकर ने कहा कि इसमें 18 सदस्यों की जरूरत रहती है. जिसके बाद वोटिंग में सभी सदस्य पार्टिसिपेट करते हैं और मेजोरिटी के आधार पर फैसला होता है.
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कांग्रेस के कृषि कानूनों को रद्द करने का प्रस्ताव
कांग्रेस की तरफ से आगामी विधानसभा सत्र में केंद्र की तरफ से लाए गए तीन कृषि कानूनों को रद्द करने को लेकर प्रस्ताव लाने की बात की जा रही है. इसी के साथ एमएसपी से नीचे खरीद पर कार्रवाई को लेकर भी प्रस्ताव लाने के बारे में कहा जा रहा है. इस पर हरियाणा विधानसभा के स्पीकर ने कहा कि प्रस्ताव लाना कांग्रेस का अधिकार है मगर प्रस्ताव लाने के बाद चर्चा में भाग लेना होता है. प्रस्ताव लाने के बाद सदन को छोड़ जाना ठीक नहीं है.
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उन्होंने कहा कि कोई भी प्रस्ताव आता है तो उस पर चर्चा होती है जिसके लिए कांग्रेस पार्टी तैयार नहीं होती. विधानसभा स्पीकर ने कहा कि कांग्रेस के पास तथ्य नजर नहीं आते, जिसके चलते वह बीच में ही सत्र छोड़ कर चले जाते हैं. उन्होंने कहा पिछले सत्र में तीन कानूनों पर चर्चा करने का आग्रह किया गया था, लेकिन बिना चर्चा के उस पर वोटिंग नहीं कर सकते. अगर सभी विधायक इस पर चर्चा करेंगे तो वोटिंग कराने का आग्रह ठीक नहीं है.
विधायक प्रदीप चौधरी पर बोले ज्ञानचंद गुप्ता
कांग्रेस की तरफ से कहा गया कि कालका से विधायक प्रदीप चौधरी के मामले में विधानसभा स्पीकर की तरफ से छुट्टी के दिन विधानसभा खुलवा कर आदेश जारी किए गए थे. इस पर विधानसभा स्पीकर से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह केवल अपने कर्तव्य का निर्वाह कर रहे थे.
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उन्होंने कहा कि 2013 के सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार यदि किसी भी विधायक या सांसद के खिलाफ 2 साल से ज्यादा की सजा हो जाती है तो ऑटोमेटिक वह डिसक्वालीफाई हो जाता है. उन्होंने कहा कि कोर्ट की तरफ से फैसला आया था जिसके बाद जिम्मेवारी बनती थी कि सूचना इलेक्शन कमीशन तक पहुंचाई जाए स्पीकर ने कहा कि उन्होंने इलेक्शन कमिशन के पास सूचना पहुंचाई और अपनी जिम्मेवारी का निर्वहन किया. वहीं कालका के पूर्व विधायक प्रदीप चौधरी हाईकोर्ट में पहुंचे हैं. इस पर सवाल पर विधानसभा स्पीकर ने कहा कि जो फैसला हाईकोर्ट की तरफ से आएगा उसके बाद ही इस पर अगला निर्णय लिया जाएगा.