चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 से पहले सियासी माहौल गरमाया हुआ है. सभी दल प्रदेश में पूरी तरह सक्रिय दिखाई दे रहे हैं. क्या बीजेपी, कांग्रेस, आईएनएलडी, आम आदमी पार्टी और क्या जेजेपी सभी दल अपनी पूरी ताकत के साथ चुनावी मैदान में उतरने के लिए तैयार है. वहीं, सभी दलों के राजनीतिक कार्यक्रम भी प्रदेश में जो शोर से चल रहे हैं. जननायक जनता पार्टी की क्या तैयारी चल रही है इसको लेकर ईटीवी भारत ने जननायक जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष सरदार निशान सिंह से बातचीत की.
सवाल: हरियाणा में पार्टी के आने वाले दिनों में क्या कार्यक्रम है?
जवाब: जननायक जनता पार्टी चौधरी देवीलाल के विचारों की पार्टी है चौधरी देवीलाल सत्ता में रहे हो या विपक्ष में रहे हो हमेशा जनता के बीच रहने का संदेश देते थे. उनका खुद का स्वभाव भी ऐसा ही था उसी तर्ज पर जननायक जनता पार्टी भी काम कर रही है. जहां तक बात चुनावी साल की है तो हमने यह फैसला लिया था कि हम सभी 10 लोकसभा सीटों पर जनसभाएं करेंगे, जिनमें से तीन सीटों पर यह रैली हम कर चुके हैं. वे कहते हैं कि पांच नवंबर को कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट की शाहबाद में जनसभा होगी. हमारा लगातार लोगों के बीच जाना जारी है. इन जनसभाओं का अच्छा रिस्पॉन्स भी मिल रहा है. इसी तर्ज पर राजस्थान में भी हमने जन संकल्प के तहत रोड शो किए हैं और लोगों से मिले हैं, वहां भी अच्छा रिस्पॉन्स मिल रहा है.
सवाल: भाजपा नेता चौधरी बीरेंद्र सिंह कहते हैं कि पार्टी को आने वाले चुनाव में जेजेपी के साथ गठबंधन नहीं करना चाहिए. आप दोनों पार्टियों के बीच में इसको लेकर किस तरह का तालमेल चल रहा है?
जवाब: दोनों पार्टियों में कोई मतभेद नहीं है. किसी भी तरह का कोई डिफरेंस नहीं है. हम मिलकर काम कर रहे हैं और एक एजेंट पर काम कर रहे हैं. चौधरी बीरेंद्र सिंह जी एक व्यक्ति वह क्या चाहते हैं उसका तो वही जवाब दे सकते हैं या फिर भारतीय जनता पार्टी उसका जवाब दे सकती है. वे तो खुद की पार्टी को भी चैलेंज कर देते हैं. या फिर हमारे बारे में ही फैसला कर देते हैं कि इस तारीख तक गठबंधन टूट जाएगा. मैं समझता हूं कि गठबंधन जब होते हैं तो वह पार्टी का शीर्ष नेतृत्व तय करता है. वह व्यक्ति विशेष की मर्जी से नहीं होता. ना व्यक्ति विशेष के कहने से गठबंधन टूटता है ना ही बनता है. वे बड़े सुलझी शख्सियत है उन्हें वैसी बात करनी चाहिए. ऐसी बात नहीं करनी चाहिए जिसे जनता गंभीरता से ना ले, कि लोग कहे कि यह तो बोलते ही रहते हैं. उन्होंने कई बार नॉन बीजेपी नॉन कांग्रेस संगठन बनाने की बात कही. विरोधी पक्ष के लोगों से मिलकर कई कमिटमेंट की, पूरी कोई भी नहीं होती. मुझे लगता है की गंभीरता से लेने की कोई बात नहीं.
सवाल: तो क्या चौधरी बीरेंद्र सिंह का उचाना सीट को लेकर बार-बार दर्द सामने आ रहा है?
जवाब: उसका दर्द है तो उसे दर्द को कौन मिटा सकता है जनता का फैसला है उन्होंने उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला को बड़े अच्छे मार्जिन से जिताया. उन्हें जनता ने जो दाएं तो सोप है उसे उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला बखूबी निभा भी रहे हैं तो मैं समझता हूं कि उसे पीड़ा को कौन मिटा सकता है वह पीड़ा तो रहेगी ही.
सवाल: आने वाले चुनाव में भी दुष्यंत चौटाला उचाना सीट से लड़ेंगे?
जवाब: वह उनकी मर्जी है कि वह कहां से चुनाव लड़े. हमें और मां के चलते हैं कि जहां से कोई जीता है तो वह सीट उसके नाम की रहती है. क्योंकि वे उसे सीट के लोगों को रिप्रेजेंट करते हैं. वे दोबारा भी इस सीट पर लोगों के बीच जाने का प्रयास करते हैं. अब चौधरी बीरेंद्र सिंह क्या चाहते हैं वे तो वही बता सकते हैं.
सवाल: राजस्थान में पार्टी मैदान में उतर रही है आपको क्या लगता है कितनी कामयाबी पार्टी को मिलेगी?