चंडीगढ़: चंडीगढ़ में दो दिवसीय जी-20 शिखर सम्मेलन आज से शुरू हो गया. जी-20 बैठक से पहले केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और फूड प्रोसेसिंग मंत्री पशुपति कुमार पारस ने मीडिया से इस बैठक को लेकर विस्तार से बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा कि देश विकास की राह पर है. जी-20 की अध्यक्षता मिलना भारत के लिए गौरव की बात है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है और विश्व पटल पर अपनी अलग पहचान बना रहा है.
भारत में अलग-अलग शहरों में जी-20 की 200 से अधिक बैठकें होनी हैं. जिनमें विभिन्न वैश्विक मुद्दों पर चर्चा होगी. केंद्रीय मंत्री ने बताया कि जी-20 की बैठक में हर उस विषय पर चर्चा होगी, जो आज देश दुनिया के सामने चुनौती के रूप में सामने खड़ी है. चाहे वह वित्तीय संकट हो या फिर किसी अन्य तरह की चुनौतियां हो. उन्होंने कहा कि इसी वजह से ही इस बार जी-20 की बैठक की थीम 'एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य' दिया गया है. केंद्रीय मंत्रियों ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा कि जी-20 में विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी. इसके साथ ही यह भारत की सांस्कृतिक विरासत को भी दुनिया तक पहुंचाने का प्रयास है. इसमें दुनिया के सामने खड़ी विभिन्न चुनौतियों को लेकर विचार विमर्श किया जाएगा. इसका लाभ गरीब तबकों को कैसे मिले, इस पर भी चर्चा होगी.
केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि देश में पहले भी विभिन्न संगठनों की बैठक होती थी लेकिन इनकी ज्यादातर बैठक देश के बड़े शहरों जैसे दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और बेंगलुरु में हुआ करती थी. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को देखते हुए जी-20 की बैठक विभिन्न शहरों में आयोजित की जा रही हैं, ताकि दुनिया भर से आने वाले प्रतिनिधि भारत की विविधता को भी देख सकें. चंडीगढ़ में जी 20 की बैठक से पहले केंद्रीय मंत्री ने कहा कि जी-20 की विभिन्न बैठकों में शिरकत करने के लिए दुनिया भर से करीब 2 लाख प्रतिनिधि भारत पहुंचेंगे. यह कार्यक्रम भारत के विकास में अहम साबित होगा.
केंद्रीय कृषि मंत्री ने बताया कि सोमवार को होने वाली बैठक इंटरनेशनल फाइनेंशियल आर्किटेक्ट वर्किंग ग्रुप की होगी. इसमें फाइनेंशियल पॉलिसी का गरीब तबकों को लाभ कैसे मिले, इस पर चर्चा होगी. इसके साथ ही अन्य वैश्विक मुद्दों को लेकर भी बैठक में चर्चा होगी. जिसमें विभिन्न मुद्दों पर ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा, जिससे सभी देशों को इसका लाभ मिल सके. दुनिया जलवायु संकट से जूझ रही है, जलवायु परिवर्तन देश और दुनिया सभी के लिए चिंता का विषय है. इस विषय पर भी जी-20 की बैठक में चर्चा होगी. क्योंकि जलवायु परिवर्तन का सबसे अधिक असर खेती पर पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि कृषि वैज्ञानिक लगातार इस तरह के बीज और फसल पर काम कर रहे हैं, जो आज के दौर के वातावरण के हिसाब से उगाई जा सके. इसलिए इस विषय को लेकर सभी देश चिंतित भी हैं. इसके समाधान के लिए किस तरीके से साथ मिलकर काम किया जाए, उसको लेकर चर्चा की जाएगी.
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