चंडीगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के वाराणसी से निर्वाचन के खिलाफ पूर्व बीएसएफ जवान तेज बहादुर ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दाखिल कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
सुप्रीम कोर्ट पहुंचे तेज बहादुर
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा था कि तेज बहादुर ने तो वाराणसी के वोटर हैं और न ही प्रधानमंत्री के खिलाफ उम्मीदवार थे. इस आधार पर उसका चुनाव याचिका दाखिल करने का कोई मतलब नहीं बनता है.
पीएम मोदी के खिलाफ हुआ था रद्द नामांकन
बता दें कि तेज बहादुर यादव की वाराणसी से प्रधानमंत्री मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ने की इच्छा थी. तेज बहादुर यादव ने वाराणसी से नामांकन भी दाखिल किया था, जिसे चुनाव आयोग ने गलत जानकारी देने के आरोप लगाते हुए रद्द कर दिया था.
करनाल से चुनाव हारे तेज बहादुर
हाल ही में हरियाणा में हुए विधानसभा चुनाव में तेज बहादुर ने सीएम मनोहर लाल के खिलाफ जेजेपी पार्टी से नामांकन दाखिल किया था, लेकिन चुनाव में हार गए.
हरियाणा विधासभा चुनाव में किसको-कितनी सीट?
हरियाणा विधानसभा चुनाव 2019 में 90 में बीजेपी 40 सीट मिली, कांग्रेस को 31 वहीं हरियाणा की नव निर्मित पार्टी जेजेपी को 10 सीट मिलीं. 9 में से 8 सीट पर निर्दलीय उम्मीदवारों ने जीत हासिल की. गोपाल कांडा की पार्टी हलोपा से एक सीट पर खुद गोपाल कांडा ने जीत दर्ज की.
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जेजेपी पार्टी को किया अलविदा
इस चुनाव में किसी पार्टी को पूर्ण बहुमत नहीं मिला. जब जेजेपी पार्टी ने बीजेपी के साथ गठबंधन कर लिया तो तेज बहादुर ने जननायक जनता पार्टी पर बीजेपी को समर्थन देने पर हरियाणा के मतदाताओं के साथ धोखा देने के आरोप लगाते हुए जेजेपी से किनारा कर लिया था.