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इन 5 गांवों ने दिए 'हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड' में 50 करोड़, जानें इन गावों के हालात

हरियाणा के 7,000 की आबादी वाले पलडा गांव ने तो अकेले ही अपने विकास कोष से रिलीफ फंड में 21 करोड़ रुपये दान में दिए हैं. ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांव में कोई कमीं नहीं है, ऐसे में कोरोना से निपटने के लिए सरकार का मदद करना हमारे लिए गर्व की बात है.

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इन 5 गांवों ने दिए 'हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड' में 50 करोड़

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Published : Aug 16, 2020, 7:03 AM IST

चंडीगढ़: कोरोना संक्रमण 21वीं सदी में पूरी दुनिया के लिए एक ऐसी मुसीबत बन कर आया. अच्छे अच्छे देश बेहाल हो गए. भारत पर भी इसका बहुत बुरा असर पड़ा. बिना किसी तैयारी के एक दम से इतनी बड़ी मुसीबत सामने आने से देश को आर्थिक रूप से काफी बड़ा झटका लगा. ऐसे में इस मुसीबत के वक्त में राहत कोष बनाए गए. केंद्र के साथ सभी राज्यों में राहत कोष बनाया गया. ताकि सक्षम लोगों की मदद से आम और जरूरत मंद लोगों को राहत पहुंचाया जा सके.

5 गांवों ने दी 50 करोड़ की डोनेशन

हरियाणा में भी कोरोना से लड़ाई के लिए 'हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड' बनाया गया. लोगों ने दिल खोल कर फंड भी दिया. लेकिन इस बीच कुछ हैरान करने वाले फंड भी सामने आए. रिलीफ फंड में प्रदेश के कुछ ग्राम पंचायतों ने भी भारी भरकम रकम दी. ये रकम इतनी भारी भरकम है कि आप विश्वास नहीं कर पाएंगे.

इन 5 गांवों ने दिए 'हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड' में 50 करोड़, देखिए वीडियो

कोरोना संकट की इस घड़ी में इन गांवों ने आगे आकर 50 करोड़ का डोनेशन दिया है. अब इस खबर को पढ़ने-सुनने वाला यही सोच रहा होगा. कि आखिर इन गांव वालों ने इतनी बड़ी रकम दे कैसे दी. कोई ये भी सोच रहा होगा कि शायद हरियाणा के इन गांवों में रहने वाले लोग काफी रईस हैं. लेकिन सच ये नहीं है. इन सभी ने कोरोना रिलीफ फंड में ये डोनेशन गांव के डेवलपमेंट फंड से दिए गए हैं.

क्या होता है डेवलपमेंड फंड?

जी हां. 'डेवलपमेंट फंड'. अंग्रेजी को हिंदी में समझा जाए तो इसे 'विकास कोष' कह सकते हैं. यानी ये वो रकम होती है जो ग्राम पंचायत या तो सरकार से हासिल करती है, या फिर अपनी संपत्तियों से कमाती है, जैसे कि ग्राम पंचायत की जमीन को सरकारी, निजी और सहकारी कंपनियों को बेचकर या लीज पर देकर.

अमूमन इस फंड को ग्राम पंचायत अपने गांव के विकास के लिए खर्च करती हैं, जैसे कि बिजली-पानी की व्यवस्था करवाना, सड़कें पक्की करवाना, जोहड़ बनवाना, स्कूलों की मरम्मत, जागरुकता आदी-आदी. लेकिन इन पांचों गांवों अपने इस फंड की बहुत बड़ी राशि हरियाणा कोरोना रिलीफ फंड में दे दी.

अकेले पलड़ा गांव ने दिए 21 करोड़ रुपये

हरियाणा के 7,000 की आबादी वाले पलड़ा गांव ने तो अकेले ही रिलीफ फंड को 21 करोड़ दान में दिए हैं. पानीपत के बाल जटान ने 10.50 करोड़ रुपये दिए और बाकी गावों ने भी 5 से 10 रुपये की डोनेशन दी. अब सवाल ये है कि क्या ये गांव इतने सक्षम हैं कि ये सरकार से मदद मांगने की बजाय, मदद दे रहे हैं.

पलड़ा गांव में है सभी जरूरी सुविधाएं

ईटीवी भारत की टीम ने प्रदेश के इन पांचों गांवों का दौरा किया. सबसे पहले बात गुरुग्राम के पलड़ा गांव की करते हैं. जिसने 21 करोड़ रुपये दिए. ये गांव पहली नजर में हर अधारभूत सुविधाओं से परिपूर्ण दिखता है. बस एक दिक्कत है यहां स्कूल सिर्फ दसवीं तक है. 10वीं पास कर चुके बच्चों को गांव से कई किलोमीटर दूर पढ़ाई के लिए जाना पड़ता है. गांव वालों की मांग है कि दसवीं तक के स्कूल को 12वीं तक किया जाए. इसके साथ ही गांव में बने पीएससी सेंटर में भी सुविधाएं बढ़ाई जाएं.

स्कूल और पीएचसी अपग्रेड करने की है मांग

स्कूल अपग्रेड और पीएससी सेंटर को अपग्रेड करने की दिक्कत को पैसों से दूर नहीं किया जा सकता. ये तो शिक्षा विभाग और सरकार की अनुमति से ही दूर किया जा सकता है. उम्मीद है कि अब हरियाणा सरकार इस गांव के बड़े दिल को देखकर स्कूल अपग्रेड करने की बात पर राजी हो जाए.

बाल जटान के ग्रामीण भी हैं खुश

अब बात करते हैं पानीपत जिले के बाल जटान गांव की. ये गांव रिफाइनरी के नजदीक है. गांव के फंड में काफी बड़ी रकम रिफाइनरी को जमीन बेचकर जोड़ी गई थी. वहीं विकास कार्यों को देखा जाए तो गांव में सभी औपचारिकताएं पूरी है. लोगों से पूछने पर उन्होंने भी किसी तरह की दिक्कत नहीं बताई.

इन गांवों में भी है सड़क से स्टेडियम की सभी सुविधाएं

वहीं सोनीपत के सरसा और रामपुर गांव. और नारनौल के नसीबपुर गांव के भी हैं. इन गांव में घुसते ही आपको एहसास हो जाएगा कि यहां काम हुआ है. गांव में सड़कें, स्वच्छ पानी, बिजली व्यवस्था, पूजा स्थल, स्कूल और जोहड़ सब है. रामपुर गांव में तो एक एयर कंडीशनर इंडोर स्टेडियम भी बनाया जा रहा है. ऐसे में इन गांवों ने मुसीबत में देश और प्रदेश की मदद करना अपना फर्ज समझा, ताकि प्रदेश में जरूरतमंद लोगों की मदद हो सके और हरियाणा आर्थिक रूप से कमजोर ना हो.

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