चंडीगढ़: सोमवार को सेक्टर-17 में किसानों और विपक्षी दलों के कार्यकर्ताओं ने कृषि कानूनों को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस मौके पर चंडीगढ़ आम आदमी पार्टी यूथ विंग के अध्यक्ष जस्सी लुबाना ने ईटीवी भारत हरियाणा से खास बातचीत में कहा कि सरकार ने जो कानून बनाए हैं, उनमें पूंजीपतियों का ध्यान रखा गया है. जबकि किसानों को पूरी तरह से दरकिनार कर दिया गया है. इन कानूनों के बाद किसानों की हालत बदतर हो जाएगी.
जस्सी लुबाना ने कहा कि भले ही सरकार इन कानूनों में संशोधन के लिए तैयार हो गई है, लेकिन कानूनों में इतनी कमियां है कि इसे ठीक करना मुश्किल है. अगर एक-दो कमियां होती तो उन्हें संशोधित करके ठीक किया जा सकता है, लेकिन इतनी सारी कमियों को ठीक करना संभव नहीं है. इसलिए किसान सरकार से तीनों को कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं.
फतेहाबाद में किसानों ने लघु सचिवालय का घेराव किया. सैकड़ों की संख्या में ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर किसान लघु सचिवालय पहुंचे. इस दौरान वकीलों ने भी किसानों के प्रदर्शन को समर्थन दिया. किसानों के प्रदर्शन को देखते हुए सामाजिक संगठनों ने भी उनके समर्थन में लंगर की व्यवस्था की.
सोनीपत के खरखौदा में किसानों ने रिलायंस पेट्रोल पंप को बंद करवाकर सांकेतिक धरना दिया. पहले किसानों ने ट्रैक्टर-ट्रॉली में सवार होकर खरखौदा उपमंडल अधिकारी कार्यालय पर धरना दिया. इसके बाद रिलायंस पेट्रोल पंप को बंद करवाकर सरकार से कृषि कानूनों का वापस लेने की अपील की. किसानों ने कहा कि अब वो जियो सिम का बहिष्कार करेंगे.
फरीदाबाद में किसानों ने लघु सचिवालय के सामने कृषि कानूनों के विरोध में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. इस दौरान बार एसोसिएशन से जुड़े अधिवक्ताओं ने किसानों के आंदोलन को समर्थन दिया. किसानों ने अतिरिक्त जिला उपायुक्त सतवीर मान को अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन भी सौंपा.
भिवानी में सामाजिक संगठनों ने कृषि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया. सामाजिक संस्थाओं ने भी प्रदर्शन में किसानों का साथ दिया. पहले किसान और सामाजिक कार्यकर्ता नेहरू पार्क में इकट्ठा हुए. इसके बाद मांगों का ज्ञापन उपायुक्त को सौंपा.
पलवल किसान संर्घष समिति ने कृषि कानून को वापस लेने और न्यूनतन समर्थन मूल्य को कानूनी दर्जा देने की मांग को लेकर लघु सचिवालय में उपायुक्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन दिया.