चंडीगढ़: पूरे देश के बाजार कोरोना वायरस की वजह से ठप पड़ चुके हैं. ना कमाई हो रही है, ना मेन्यूफेक्चरिंग. उद्योग धंधों के साथ-साथ तमाम इनकम सोर्सेस पर लॉक डाउन का असर पड़ चुका है. हरियाणा का स्पाइनल कोर्ड बन चुका सर्विस सेक्टर भी कमजोर पड़ चुका है. इस 21 दिन के लॉकडाउन से प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर पड़ रहे असर पर ईटीवी भारत ने चंडीगढ़ में अर्थशास्त्री बिमल अंजुम से कुछ अहम सवालों के आसान भाषा में जवाब दिए.
ये रिपोर्ट देखिए-
1. सवाल- आने वाले समय में मौजूदा हालात का क्या पड़ेगा प्रदेश की अर्थव्यवस्था पर असर?
जवाब-अर्थव्यवस्था के जानकार बिमल अंजुम से जब हमने यह सवाल किया तो उन्होंने कहा कि हरियाणा कृषि पर आधारित अर्थव्यवस्था है. हालांकि पिछले कुछ सालों से हरियाणा कृषि से हटकर अन्य क्षेत्रों में आगे बढ़ा है. उनके मुताबिक प्रदेश की जीडीपी में सर्विस सेक्टर का सबसे बड़ा योगदान है. जो करीब 51 फ़ीसदी है. जिसकी वजह से हरियाणा देश का अग्रणी राज्य बना हुआ है. जबकि कृषि का हिस्सा 16 फ़ीसदी है.
कृषि के हिसाब से देखें तो यह समय भारी मुश्किलों वाला है. वर्तमान हालात में हरियाणा को भारी नुकसान होगा. राज्य के हिसाब से 1 महीने में प्रदेश को 6 से 7000 करोड़ का नुकसान होने का अनुमान है. जबकि जीडीपी के हिसाब से हरियाणा को 70 से 80000 करोड़ का नुकसान होगा. रोजगार के हिसाब से उनका मानना है कि अगर सामान्य तौर पर देखें तो आठ लाख के करीब रोजगारी का आंकड़ा बताया जाता है, कि प्रदेश में 25 फ़ीसदी वर्कफोर्स बेरोजगार है. जबकि प्रदेश का रोजगार पूरी तरह से ही कृषि पर निर्भर है, लेकिन इसके भी दो हिस्से हैं जो एक कृषि पर आधारित है और दूसरा पोट्री फॉर्म पर निर्भर है.