चंडीगढ़: हरियाणा सरकार का एक सेवा निर्मित कर्मचारी एक साल से अपने मेडिकल बिल भुगतान के लिए भटक रहा है. याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उनकी उम्र 91 साल है. वह राजस्व विभाग से चतुर्थ श्रेणी पद से सेवानिवृत्त है. वह कई गंभीर बीमारियों से ग्रस्त है, ऐसे में उनका काफी मेडिकल बिल बन गया है, लेकिन विभाग के अधिकारी उनके बिलों का भुगतान नहीं कर रहे हैं.
याची ने कोर्ट में क्या कहा?
याचिकाकर्ता याद राम ने कोर्ट में कहा कि पिछले साल 12 अप्रैल से 25 अप्रैल तक मैं हिसार के कई अस्पताल में बीमारी के कारण दाखिल रहा. इस दौरान उनके कई ऑपरेशन हुए कुल मिलाकर उनके इलाज पर 2,50,082 रुपये का खर्च आया.
'कई चक्कर लगाएं, नहीं हुआ भुगतान'
याची ने बताया कि उन्होंने मेडिकल बिल के भुगतान के लिए विभाग को पिछले साल ही सभी दस्तावेज जमा करवा दिए. इसके बावजूद बिलों का भुगतान नहीं किया गया. इसको लेकर उन्होंने विभाग के अधिकारियों को जुलाई में मांग पत्र भी सौंपा, लेकिन ना तो उसका कोई जवाब दिया गया और ना ही बिल का भुगतान किया गया. इसलिए उन्हें मजबूरन हाईकोर्ट में याचिका दायर करनी पड़ी.
बुजुर्ग ने दलील दी कि चलना फिरना उनके बस में नहीं है. ऐसे में उन्हें शारीरिक और आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. अधिकारी ना तो उनकी उम्र और ना ही उनकी बीमारी को ध्यान में रखकर उनके बिल पास कर रहे हैं. मामले की सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने कहा कि संभव है कि याचिकाकर्ता ने अपने दस्तावेज पूरे नहीं किए होंगे. इसलिए बिल के भुगतान में देरी हो रही है.
कोर्ट ने विभाग को दिए भुगतान करने के आदेश
हाईकोर्ट ने विभाग के अधिकारियों के इस रवैए पर सवालिया निशान उठाते हुए कहा कि कम से कम याद राम जी की उम्र का तो ख्याल करें. हाईकोर्ट के जस्टिस एएस ग्रेवाल ने सरकार को 29 अक्टूबर के लिए नोटिस जारी कर राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वह याची के घर जाकर उनके दस्तावेज पूरे करें नियमों के अनुसार उनके मेडिकल बिल का भुगतान करें.