यमुनानगर:हरियाणा में लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव 2024 से पहले एक बार फिर कांग्रेस गुटबाजी को लेकर चर्चा तेज हो गई है. पहले करनाल और अब यमुनानगर से भी सुरजेवाला, हुड्डा और कुमारी सैलजा के समर्थक आपस में भिड़ते हुए नजर आए है. दरअसल, यमुनानगर के जगाधरी में संगठन विस्तार को लेकर कार्यकर्ताओं से बातचीत करने के लिए ऑब्जर्वर पहुंचे थे. इस दौरान हुड्डा समर्थकों ने कुमारी सैलजा मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू किए.
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जिसके बाद ऑब्जर्वर के सामने कुमारी सैलजा के समर्थकों ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ नारेबाजी की. उन्होंने कहा कि वह पार्टी में बाप-बेटे की नहीं चलने देंगे. मंगलवार को जगाधरी रेस्ट हाउस में कांग्रेस संगठन पर कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने AICC ऑब्जर्वर के प्रदेश कांग्रेस ऑब्जर्वर और लोकसभा अंबाला क्षेत्र के कांग्रेस ऑब्जर्वर पहुंचे थे. इस दौरान हुड्डा समर्थकों की तरफ से सैलजा मुर्दाबाद के नारे लगाए गए. जिसके बाद कांग्रेसी कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए.
हरियाणा में जहां कांग्रेस की गुटबाजी आए दिन सामने आती रहती है. तो वहीं यमुनानगर के जगाधरी में जब सैलजा और हुड्डा समर्थकों की आपस में काफी देर तक धक्का-मुक्की देखी गई. जब कांग्रेस कार्यकर्ताओं का फीडबैक लेने के लिए ऑब्जर्वर पहुंचे तो कार्यकर्ताओं ने नारेबाजी शुरू कर दी. इस दौरान कुछ समर्थकों ने कुमारी सैलजा मुर्दाबाद के नारे लगाए. जिसके बाद सैलजा गुट के कार्यकर्ता भड़क उठे और दोनों के बीच लड़ाई शुरू हो गई.
इतना ही नहीं बात हाथापाई तक पहुंच गई. इस दौरान कार्यकर्ताओं के बीच जमकर थप्पड़ और लात-घूंसे भी चले. इस मुद्दे पर जब अंबाला लोकसभा क्षेत्र के ऑब्जर्वर शब्बीर खान पठान से बातचीत करने की कोशिश की तो वह कैमरे से बचते हुए नजर आए. उन्होंने कहा कि यहां पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ है. आपस में सब एक है और कांग्रेस पार्टी भी एक है.
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यमुनानगर जिले की बात करें तो जब 10 साल हरियाणा में हुड्डा राज रहा तो सैलजा को यहां पर विकास कार्य न होने देने का जिम्मेदार ठहराया जाता रहा है. यहां तक की विधायक पद का चुनाव लड़ने वालों की टिकट पर भी सैलजा अपना हक जताती रही है और उन्हीं के समर्थकों को ज्यादातर टिकट आवंटित किए जाते रहे हैं. हालांकि हुड्डा भी यहां पर लगातार खूब विकास होने की बातें कह रहे हैं. लेकिन इससे पहले ही यहां पर इस तरह की घटनाएं शुरू हो चुकी हैं. जिसका खामियाजा कांग्रेस को चुनाव में भुगतना पड़ सकता है.