चंडीगढ़: हरियाणा के पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार अग्रवाल ने सभी पुलिस आयुक्तों और पुलिस अधीक्षकों को निर्देश देते हुए कहा कि आपराधिक गतिविधियों और लक्षित हत्याओं में शामिल पाए गए आपराधिक तत्वों के बारे में खुफिया जानकारी हासिल करने के लिए तुरंत एक मजबूत तंत्र स्थापित करें. डीजीपी ने रविवार को हरियाणा पुलिस अकादमी, मधुबन में राज्य स्तरीय क्राइम समीक्षा बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कही. (Haryana DGP Prashant Kumar Agarwal)
इसके अलावा, उन्होंने गांवों और कस्बों से ऐसे सभी तत्वों के बारे में जानकारी एकत्र करने की संभावना तलाशने का सुझाव दिया. ताकि ऐसे बदमाशों के बारे में एक आपराधिक खुफिया नेटवर्क प्रणाली पुलिस को आसानी से उपलब्ध हो सके. उन्होंने कहा कि पुलिस ऐसे लोगों और गिरोहों के सोशल मीडिया हैंडल पर भी कड़ी नजर रखेगी. (DGP held meeting )
हरियाणा को अपराध मुक्त बनाने पर जोर: हरियाणा को अपराध मुक्त और नशा मुक्त प्रदेश बनाने की राज्य सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए डीजीपी ने सभी पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए. इस दौरान उन्होंने कहा कि, पुलिस अधिकारी राज्य भर में नशीले पदार्थों की तस्करी और गैंगस्टर गतिविधियों में संलिप्त बड़ी मछलियों की पहचान करके मादक पदार्थों की रोकथाम व आपराधिक तत्वों पर अंकुश लगाने के लिए रणनीति तैयार करें. (Gangsters in Haryana)
इसके साथ ही उन्होंने हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स सहित सभी पुलिस इकाइयों से हुए कहा कि प्रदेश में मादक पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने, अपराध और आपराधिक तत्वों का पूरी तरह से खत्म करने व कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए जिला पुलिस के साथ मिलकर कार्य करें. साथ ही अवैध हथियारों की तस्करी को रोकने, नशा सप्लाई करने वाले अन्य फरार लोगों को गिरफ्तार करने और लंबित मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने के भी निर्देश दिए. सभी जिलों के एसपी और पुलिस आयुक्तों को अधिक सक्रिय होते हुए बदमाशों और आपराधिक तत्वों, चाहे वे जो भी हों, उनसे सख्ती से निपटने के निर्देश दिए. (Haryana State Narcotics Control Bureau)
डीजीपी ने हरियाणा में साइबर क्राइम की स्थिति की समीक्षा की: डीजीपी ने साइबर क्राइम की स्थिति की समीक्षा करते हुए साइबर क्राइम की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए उठाए जा रहे कदमों का भी जायजा लिया. आज साइबर अपराध न केवल व्यक्तिगत तौर पर बल्कि सरकारी क्षेत्र के लिए भी खतरा बन गया है और राष्ट्रीय सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है. उन्होंने कहा कि नए साइबर थाने स्थापित करने के साथ ही साइबर अपराध से पेश आ रही चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिस विभाग को मजबूत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि हरियाणा पुलिस अब तक साइबर धोखाधड़ी की लगाभग 43 करोड़ रुपये की राशि रिकवर/ब्लाॅक कर चुकी है. (cyber crime in haryana)
डीजीपी ने सजा दर की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को संबंधित अदालतों में समन्वित प्रयासों और प्रभावी 'पैरवी' से सजा की दर में और सुधार लाने के निर्देश दिये. साथ ही सभी उद्घोषित अपराधियों, बेल जम्पर्स और अन्य भगौड़ों की गिरफ्तारी को प्राथमिकता देने और सक्षम प्राधिकारी के माध्यम से उनकी अवैध संपत्ति की कुर्की की प्रक्रिया शुरू करने के भी निर्देश दिये. बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक, सीआईडी आलोक मित्तल ने सुझाव दिया कि आपराधिक तत्वों पर पैनी नजर रखने के लिए हिंसक अपराध में शामिल उद्घोषित अपराधियों (पीओ) की एक अलग सूची बनाई जानी चाहिए. बैठक में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशकों सहित सभी रेंज के पुलिस महानिरीक्षक भी मौजूद रहे.
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