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युवराज सिंह द्वारा अपमानजनक शब्द का प्रयोग करने के मामले में हाईकोर्ट में सौंपी गई स्टेटस रिपोर्ट - क्रिकेटर युवराज सिंह अपमानजनक टिप्पणी मामला

पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह के खिलाफ एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर के मामले में बुधवार को एसपी नितिका गहलोत ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी.

Cricketer Yuvraj Singh derogatory remarks
Cricketer Yuvraj Singh derogatory remarks

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Published : Apr 28, 2021, 10:29 PM IST

चंडीगढ़:पूर्व भारतीयक्रिकेटर युवराज सिंह के खिलाफ हांसी में एससी एसटी एक्ट के तहत दर्ज एफआईआर के मामले में बुधवार को हांसी की एसपी नितिका गहलोत ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल कर मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट को सौंपी. जांच रिपोर्ट में कोर्ट को बताया गया कि जिस अपमानजनक शब्द का प्रयोग युवराज सिंह द्वारा किया गया है वह हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़ में केंद्र के गजट के अनुसार एससी वर्ग से संबंधित है.

पुलिस की ओर से बताया गया कि युवराज सिंह जांच में शामिल हो चुके हैं. अभी तक जांच में एक सर्वे करवाया गया था कि युवराज सिंह द्वारा इस्तेमाल किए गए शब्द के क्या मायने हैं . स्थानीय लोगों के बीच से इस सर्वे में सामने आया कि ये शब्द अनुसूचित जाति के लोगों के लिए अपमानजनक शब्द के रूप में इस्तेमाल किया जाता है. साथ ही पुलिस ने दलील दी कि गूगल करने पर भी गूगल ये बताता है कि यह शब्द दलित वर्ग के लिए अपमानजनक टिप्पणी के रूप में इस्तेमाल होता है.

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पुलिस ने युवराज की इस दलील को भी खारिज किया कि युवराज ने भांग पीने वालों के लिए इस शब्द का उपयोग किया था. हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को रिकॉर्ड पर रखने के बाद मामले की सुनवाई स्थगित कर दी, लेकिन कोर्ट ने अपने अंतरिम आदेश को जारी रखते हुए एफआईआर पर अगले आदेशों तक किसी भी किस्म की कार्रवाई किए जाने पर रोक जारी रखी.

बहस के दौरान इस मामले में शिकायतकर्ता के वकील अर्जुन श्योराण की तरफ से हांसी पुलिस पर आरोप लगाया गया कि इस मामले में पुलिस ने अभी तक सही जांच नहीं की है. जबकि जांच पर रोक के बारे में हाईकोर्ट ने कोई आदेश नहीं दिया है.

गौरतलब है कि क्रिकेटर युवराज सिंह ने पिछले साल इंस्टाग्राम पर यजुवेंद्र चहल से वीडियो चैटिंग करते हुए दलित समाज के लिए अपमानजनक टिप्पणी की थी. जिस पर हांसी थाना शहर में उनके खिलाफ अनुसूचित जाति व जनजाति अत्याचार अधिनियम के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था. मुकदमे को खारिज कराने के लिए युवराज सिंह ने पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. जिस पर पिछली सुनवाई पर हाईकोर्ट ने हरियाणा पुलिस को युवराज सिंह के खिलाफ कोई कार्रवाई ना करने के आदेश दिए थे.

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