चंडीगढ़: 21 मई को हरियाणा सिविल सेवा की आरंभिक परीक्षा आयोजित की गई थी. इस परीक्षा के दूसरे पेपर में 32 प्रश्न पिछले साल के प्रश्नपत्र से मिलने का मामला सामने आया है. कांग्रेस महासचिव और राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने इस मामले पर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल और राज्य लोकसेवा आयोग पर तीखा हमला बोला है. सुरजेवाला ने कहा कि विश्वसनीयता खो चुके राज्य लोकसेवा आयोग ने पिछले साल के सवाल दोहराकर ना केवल अपनी अयोग्यता साबित की है, बल्कि खुद अपना ही पेपर लीक करने का काम किया है.
सुरजेवाला ने कहा कि नौकरियों में भर्ती घोटालों के चलते HSSC के 'अटैची कांड' का भंडाफोड़ हो गया था. इसके बाद HPSC ने पर्चा लीक करने की ये नई तकनीक इजाद की है. सुरजेवाला ने कहा कि इस काम के लिए हरियाणा सरकार उन 93,000 युवाओं से माफी मांगें, जिन्होंने उनके पारदर्शिता के झूठे नारों पर विश्वास करके परीक्षा का फॉर्म भरा था. उन्होंने इस परीक्षा को रद्द करके दोबारा पेपर करवाने की अपील की साथ ही HPSC को बर्खास्त करने की मांग की. सुरजेवाला ने कहा कि हाई कोर्ट के सिटिंग जज से साढ़े आठ साल में इनके घोटालों की जांच करवाई जाए.
सुरजेवाला ने कहा कि एचसीएस की प्रिलिमिनरी परीक्षा में दो पेपर होते हैं. इनमें से एक पेपर सामान्य ज्ञान और दूसरा पेपर सिविल सर्विस एप्टिट्यूड टेस्ट होता है. जिसे 'सीसेट' कहा जाता है. इस सीसेट की परीक्षा में पास होने के लिए हर अभ्यर्थी को 33 प्रतिशत अंक लेने अनिवार्य हैं. तभी उनके सामान्य ज्ञान का पेपर चेक होता है. जिसके आधार पर मेरिट बनती है. यदि इस सीसेट पेपर में अभ्यर्थी 33 प्रतिशत अंक नहीं ले पाता, तो वो मेरिट से स्वतः बाहर हो जाता है. रणदीप ने कहा कि पिछली बार HSSC का डिप्टी सेक्रेटरी अनिल नागर रुपयों की भरी अटैची और अभ्यर्थियों की ओएमआर शीट के साथ पकड़ा गया था.