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हरियाणा में ग्रुप सी के 40 हजार पदों पर की जाएंगी भर्तियां, जानिए कितने परिवारों का नाम BPL सूची से हुआ बाहर - हरियाणा में ग्रुप सी

हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने चंडीगढ़ में प्रेस कॉन्फ्रेंस (cm Manohar lal press confrence) की और हरियाणा सरकार की योजनाओं (haryana government scheme) का ब्यौरा दिया. सीएम मनोहर लाल ने साल 2023 की पहली कॉन्फ्रेंस उन्होंने सोमवार को की.

cm Manohar lal press confrence
चंडीगढ़ में सीएम मनोहर लाल की प्रेस कॉन्फ्रेंस

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Published : Jan 9, 2023, 10:42 PM IST

चंडीगढ़:हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि ग्रुप सी के पदों की भर्ती के लिए संयुक्त पात्रता (cm Manohar lal press confrence) परीक्षा हो चुकी है. जिसका परिणाम शीघ्र ही घोषित होने वाला है. परिणाम आने के बाद ग्रुप सी के लगभग 40 हजार पदों को विज्ञापित किया जाएगा. इसके अलावा, ग्रुप-डी के पदों की भर्ती के (haryana government scheme) लिए भी जल्द सीईटी परीक्षा आयोजित की जाएगी और लगभग 17 से 20 हजार पदों पर भर्ती की जाएगी. (cm on Group C Recruitment in Haryana)

'CMI द्वारा जारी बेरोजगारी के आंकड़े आधारहीन': परीक्षा मनोहर लाल ने सोमवार को चंडीगढ़ में प्रेस वार्त्ता को संबोधित करते हुए कहा कि सीईटी परीक्षा की वैधता 3 साल है. हालांकि, सीईटी परीक्षा का आयोजन हर वर्ष किया जाएगा. जो भी उम्मीदवार अपने नंबर में सुधार करना चाहता है. वह भी दोबारा परीक्षा दे सकते हैं. उन्होंने कहा कि सीएमआई द्वारा प्रदर्शित बेरोजगारी कें आंकड़े पूरी तरह से आधारहीन हैं. सीएमआई का आंकड़ा कुछ लोगों के सैंपल सर्वे पर आधारित होता है.

स्वनिधि योजना के तहत युवाओं को रोजगार: पूर्व में इसी एजेंसी ने हरियाणा की बेरोजगारी दर को 2 फीसदी दिखाया था. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 साल में राज्य में 50 हजार एमएसएमई उद्योग लगे हैं. इसके अलावा, निजी क्षेत्र व स्वरोजगार के माध्यम से 33,06,635 लोगों को रोजगार के अवसर मिले हैं. प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत 16.85 लाख युवाओं तथा प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के तहत 38 हजार युवाओं को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किये गए हैं.

मेरिट आधार पर युवाओं को मिली नौकरी: इसी तरह से औद्योगिक इकाइयों में 12.64 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार मिला है. अंत्योदय उत्थान मेलों के माध्यम से 34 हजार लोगों को स्वरोजगार के लिए ऋण प्रदान किये गए हैं. तथा रोजगार मेलों के माध्यम से 27,516 को रोजगार भी मिला है. इसके अलावा, मेरिट आधार पर 1 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरियां मिली है. उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय द्वारा 1500 विभिन्न ट्रेड को चिह्नित किया गया है.

अंत्योदय आरोग्य साल के रूप में मनाया जा रहा 2023 : विश्वविद्यालय द्वारा 50 औद्योगिक इकाइयों के साथ समझौता किया गया है और इन इकाइयों द्वारा उद्योगों की जरूरत के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 8 वर्षों से सुशासन की विचारधारा पर चलते हुए गरीब से गरीब व्यक्ति तक सरकारी योजनाओं का लाभ पहुंचा रहे हैं. सुशासन के संकल्प को आगे बढ़ाते हुए वर्ष 2023 को अंत्योदय आरोग्य वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है.(haryana government scheme)

गरीब परिवारों के हित में हरियाणा सरकार:गरीब परिवारों की चिंता करते हुए राज्य सरकार ने बीपीएल परिवारों की आय सीमा को 1.20 लाख रुपये से बढ़ाकर 1.80 लाख रुपये किया है और हरियाणा देश का पहला राज्य, जिसने बीपीएल आय के मानदंड को बदला है. इसके फलस्वरूप, बीपीएल परिवारों की संख्या बढ़कर लगभग 29 लाख हो गई है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पीपीपी के माध्यम से ऑटोमेटिक राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया चल रही है. बीपीएल आय के नये मानदंड के अनुसार 12 लाख नये परिवारों का नाम बीपीएल सूची में जुड़ा है. उन्होंने कहा कि गलत ढंग से किसी का राशन कार्ड नहीं काटा गया है.

हरियाणा में गरीब परिवारों के लिए सरकार की योजना: हमारी मंशा गलत नहीं है लेकिन गरीब को उसका हक मिले, यही हमारा उद्देश्य है. इस बारे ब्यौरा देते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि 1.32 लाख परिवार ऐसे हैं, जो इनकम टैक्स रिर्टन भरते हैं. 51,489 सरकारी व अनुबंधित कर्मचारी हैं. इसी प्रकार, 2119 सरकारी पेंशनधारक हैं. 1.80 लाख रुपये से अधिक आय वाले 3,44,821 परिवार हैं. जिनके नाम बीपीएल सूची से बाहर हुए हैं. इनके द्वारा कोई शिकायत आने पर आय का दोबारा सर्वे किया जा सकता है.

2 लाख 27 हजार परिवार BPL लिस्ट से बाहर:इसके अलावा, 2 लाख औद्योगिक श्रमिक और 4 लाख रुपये से अधिक फसल बिक्री करने वाले 7,416 किसानों का भी डाटा हमारे पास आया है. इन दोनों श्रेणियों का दोबारा सर्वे किया जाएगा. उन्होंने बताया कि जिन परिवारों का सालाना 9 हजार रुपये से अधिक बिजली बिल आता है, ऐसे 2,27,000 परिवारों का नाम भी बीपीएल सूची से बाहर हुआ है. उन्होंने कहा कि अतिरिक्त उपायुक्तों को इस संबंध में निर्देश जारी किये गए हैं कि राशन कार्ड से संबंधित हर प्रकार की शिकायत का 15 दिन में समाधान किया जाए.

अंत्योदय परिवारों के लिए चिरायु हरियाणा योजना: यदि निर्धारित समय में उनकी समस्या का समाधान नहीं हो पाता, तो उन्हें इस माह का राशन मिलेगा. उन्होंने कहा कि जिनका नाम बीपीएल सूची से बाहर हुआ है. ऐसे नागरिक 18001802087 और 1967 टोल फ्री नंबरों पर अपनी शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. उनकी शिकायतों पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने कहा कि अंत्योदय परिवारों के लिए चिरायु हरियाणा योजना भी चलाई गई है. ऐसे लगभग 29 लाख परिवारों को सालाना 5 लाख रुपये तक के मुफ्त इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है. इस पर राज्य सरकार का लगभग 500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च आएगा.

मुख्यमंत्री ने पंचायती राज संस्थाओं की शक्तियों का विकेंद्रीकरण कर उन्हें और अधिक स्वायत्तता प्रदान करते हुए घोषणा की कि अब से पंचायती राज संस्थाओं की अपनी आय में से होने वाले 2 लाख रुपये तक के विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति चुने हुए जन प्रतिनिधियों द्वारा उनके स्तर पर ही दी जाएगी. सरपंच, पंचायत समिति और जिला परिषद के चेयरमैन द्वारा यह स्वीकृति प्रदान की जाएगी. 2 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति जूनियर इंजीनियर देगा और इन कार्यों के लिए किसी प्रकार का कोई टेंडर नहीं होगा.

'विकासकार्यों में स्वीकृति मिलने को लेकर अब नहीं होगी देरी': मुख्यमंत्री ने कहा कि 2 लाख से 25 लाख रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एसडीओ देगा. इन कार्यों के लिए हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के माध्यम से अल्पावधि के टेंडर किये जाएंगे. 25 लाख से 1 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा. एक करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये तक के कार्यों की तकनीकि स्वीकृति अधीक्षक अभियंता और 2.5 करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की तकनीकी स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा.

उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की फिक्स्ड डिपोजिट भी होती है. गांवों में विकास कार्यों के लिए यदि धन की आवश्यकता होती है तो इस डिपोजिट में से एक साल में 50 लाख रुपये तक या कुल डिपोजिट की 10 प्रतिशत राशि, जो भी अधिक हो, जिला उपायुक्त रिलीज कर सकता है. इससे अधिक राशि के लिए जिला उपायुक्त इस विषय को राज्य सरकार को भेजेंगे.

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उन्होंने कहा कि विकास कार्यों के लिए यदि राशि कम पड़ती है और पंचायती राज संस्थाओं की मांग पर राज्य सरकार अतिरिक्त बजट प्रदान करती है. तो 25 लाख रुपये से कम काम के लिए राशि सीधे उन्हें दे दी जाएगी. 25 लाख रुपये से ज्यादा के काम ग्रामीण विकास विभाग द्वारा किये जाएंगे. इसके लिए 25 लाख रुपये से 1 करोड़ रुपये तक की प्रशासनिक स्वीकृति विभाग के निदेशक द्वारा दी जाएगी और इस कार्य की तकनीकि स्वीकृति एक्सईएन देगा. एक करोड़ से 2.5 करोड़ रुपये तक प्रशासनिक स्वीकृति प्रशासनिक सचिव तथा तकनीकि स्वीकृति अधीक्षक अभियंता देगा. 2.5 से 10 करोड़ रुपये तक के कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति संबंधित मंत्री तथा तकनीकि स्वीकृति चीफ इंजीनियर देगा. दस करोड़ रुपये से अधिक के कार्य की प्रशासनिक स्वीकृति मुख्यमंत्री स्तर पर होगी तथा तकनीकि स्वीकृति चीफ इंजीनियर द्वारा दी जाएगी.

'विकासकर्यों में आएगी पारदर्शिता': उन्होंने कहा कि पहले कार्य करवाने के लिए तकनीकी स्वीकृतियों में ही बहुत लंबा समय लगता था, लेकिन अब उनके स्तर पर स्वीकृतियां होने से यह कार्य जल्दी होंगे और कार्यों में पारदर्शिता भी आएगी. उन्होंने कहा कि सरकार अपने राजस्व से गांवों व शहरों में आबादी के अनुसार विकास कार्यों के लिए 7 प्रतिशत धनराशि आवंटित करती है. 2 प्रतिशत राशि रिजर्व में रखी जाती है, ताकि वित्तीय रूप से कमजोर पंचायती राज संस्थाओं व नगर निकायों को अतिरिक्त फंड मुहैया करवाया जा सके.

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