चंडीगढ़: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने गृह मंत्री अनिल विज के साथ पंचकूला में ERSS भवन में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ बैठक कर प्रदेश में अपराध और कानून व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की. सीएम ने पुलिस के आला अधिकारियों को संगठित अपराध के खिलाफ और भी सख्त कार्रवाई करने के निर्देश देते हुए कहा कि हरियाणा में लोगों के लिए सुरक्षित माहौल बनाना राज्य सरकार की प्रमुख प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि अपराध और आपराधिक घटनाओं पर हर कीमत पर अंकुश लगाया जाना चाहिए. ताकि प्रदेश में सौहार्दपूर्ण वातावरण बना रहे. उन्होंने कहा कि अपराधियों के साथ सख्ती से निपटाते हुए प्रदेश एक शांतिपूर्ण और अपराध-मुक्त राज्य बने.
अपराधियों पर सख्त कार्रवाई के निर्देश:उन्होंने अपराध की स्थिति की गहन समीक्षा करते हुए पुलिस अधिकारियों को निर्देश दिए कि आपराधिक गतिविधियों और टारगेट किलिंग में शामिल पाए गए. आपराधिक तत्वों के बारे में खुफिया जानकारी एकत्र करने के लिए ग्रामीणों को जोड़ा जाए. इससे पुलिस की विश्वसनीयता बढ़ेगी और आम जनता के सहयोग से ऐसी घटनाओं को नियंत्रित करने में मदद भी मिल सकेंगे. मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि हरियाणा राज्य नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो और स्पेशल टास्क फोर्स नशीले पदार्थों की तस्करी, अपराध और आपराधिक तत्वों को पूरी तरह से खत्म करने के लिए जिला पुलिस इकाइयों के साथ मिलकर काम करें.
साइबर अपराधियों के खिलाफ सख्त हुई हरियाणा सरकार: उन्होंने कहा कि जिला पुलिस अधीक्षक और पुलिस आयुक्त अत्यधिक सक्रियता के साथ बदमाश और आपराधिक तत्वों पर सख्त कार्रवाई करें.उन्होंने साइबर अपराध की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि साइबर अपराध न केवल व्यक्तियों के लिए बल्कि सार्वजनिक क्षेत्र के लिए भी खतरा बन गया है. जोकि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है. नए साइबर थानों की स्थापना के अतिरिक्त पूरे पुलिस विभाग को साइबर क्राइम से उत्पन्न वर्तमान चुनौतियों से निपटने के लिए तकनीकी रूप से मजबूत किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि साइबर अपराध की प्रवृत्तियों और सुरक्षा युक्तियों के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए विशेष अभियान भी चलाये जाने चाहिए.
अपराधियों को बख्शा नहीं जाएगा: उन्होंने कहा कि राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराध बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने सभी अधिकारियों को महिलाओं की सुरक्षा पर विशेष ध्यान रखने और इस संबंध में आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के भी निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि अब तक साइबर अपराध से संबंधित ठगी की करीब 47 करोड़ रुपये की राशि बरामद/रोकी जा चुकी है. बैठक में गैंगस्टर, आतंकवाद, मोस्ट वांटेड, साइबर अपराध, यातायात और सड़क सुरक्षा पर भी चर्चा की.