चंडीगढ़ः हरियाणा में विधानसभा चुनाव 2019 को स्वतंत्र, निष्पक्ष और शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न करवाने के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी अनुराग अग्रवाल ने आज राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की. इस दौरान उन्हें आदर्श आचार संहिता, चुनावी खर्चे और मीडिया में विज्ञापन के प्रकाशन से संबंधित भारत निवार्चन आयोग के दिशा-निर्देशों के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. बैठक में उन्होंने कहा कि आयोग ने 24 विभागों के अधिकारियों को नोडल अधिकरी बनाया है, जो चुनाव में चुनावी खर्चे पर निगरानी रखेंगे.
इतनी राशि का कर सकते हैं इस्तेमाल
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि विधानसभा चुनाव में प्रत्येक उम्मीदवार अधिकतम 28 लाख रुपये की राशि अपने चुनाव प्रचार पर खर्च कर सकता है. इसके लिए उम्मीदवार को नामांकन पत्र भरने से पूर्व अलग से बैंक खाता खुलवाना होगा और चुनाव से संबंधित हर प्रकार का खर्च इसी बैंक खाते से करना होगा. उम्मीदवार 10 हजार रुपये तक का खर्च नगद कर सकता है, इससे अधिक खर्च केवल चेक से ही करना होगा.
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आयकर विभाग की विशेष नजर
उन्होंने राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों को बताया कि आयोग के निर्देशानुसार यदि बैंकों में 10 लाख रुपये से अधिक की नकद निकासी होती है तो उसकी सूचना तुरंत आयकर विभाग को दी जाएगी और आयकर विभाग इस तरह की नकद लेने देन पर कार्रवाई करेगा. इसके अलावा, अगर एक लाख रुपये से अधिक का लेनदेन या एक खाते से दूसरे खाते में इतनी धनराशि भेजी जाती है और ऐसा लेन देन संदिग्ध लगता है तो उसकी सूचना भी आयकर विभाग को तुरंत दी जाएगी. इसके साथ ही, सहकारी बैंकों के लेन देन पर भी विशेष नजर रखी जाएगी.
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने की राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक. प्रचार से पहले सावधान!
मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि राजनैतिक दलों और उम्मीदवारों की ओर से प्रचार सामग्री इलेक्ट्रॉनिक मीडिया अथवा सोशल मीडिया में प्रकाशित करने से पहले उसकी मंजूरी राज्य एवं जिला स्तर पर गठित मीडिया सर्टिफिकेशन एंड मॉनिरिंग कमेटी (एम.सी.एम.सी) से लेनी आवश्यक है. इसके अलावा, मतदान के दिन और मतदान से एक दिन पहले यदि किसी राजनैतिक दल और उम्मीदवारों की ओर से कोई विज्ञापन या प्रचार सामग्री समाचार पत्रों में प्रकाशित करवाई जानी है तो उसकी उसकी स्वीकृति भी एम.सी.एम.सी से लेनी आवश्यक है.
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