चंडीगढ़:चंडीगढ़ नगर निगम में पेड पार्किंग मुद्दे को लेकर सोमवार को जमकर हंगामा हुआ. निगम में इस मुद्दे को लेकर आप और कांग्रेस पार्षदों ने जमकर नारेबाजी की. विपक्ष इस मामले की जांच विजिलेंस समिति से कराने की बजाय सीबीआई से कराने की मांग कर रहा था. वहीं, मेयर ने इस मामले में पार्षदों की एक समिति बनाई है, जो निगम और बैंक अधिकारियों की मिलीभगत की जांच करेगी. निगम द्वारा इस मामले में पहले ही पुलिस में कंपनी के खिलाफ केस दर्ज करा दिया था.
चंडीगढ़ में पेड पार्किंग केस को लेकर दो राजनीतिक दलों ने निगम और बैंक अधिकारियों पर मिलीभगत का आरोप लगाया था. सोमवार को नगर निगम हाउस मीटिंग में संबंधित अधिकारियों पर कार्रवाई करने की बात कही गई. इस दौरान चंडीगढ़ मेयर अनूप गुप्ता ने कहा कि विजिलेंस फर्जी बैंक गारंटी देने वाले शहर के एक पार्किंग ठेकेदार के खिलाफ दर्ज धोखाधड़ी के मामले में नगर निगम और बैंक के अधिकारियों की भूमिका की जांच करने जा रहा है.
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सदन को संबोधित करते हुए चंडीगढ़ के मेयर अनूप गुप्ता ने सोमवार को कहा कि जब उन्हें बैंक गारंटी फर्जी निकलने की जानकारी मिली थी, उसी समय पुलिस से संपर्क किया गया था. इस मामले में पुलिस के साथ ही सतर्कता समिति ने भी जांच शुरू कर दी है. मेयर ने कहा कि वे पूरी तरह सहमत हैं कि नगर निगम के धन का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए. इस मामले में दोषी ठेकेदार के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई गई है.
गौरतलब है कि चंडीगढ़ पुलिस ने हाल ही में 2020 में 57 जोन-2 पार्किंग के आवंटन के दौरान नगर निगम को 1.67 करोड़ रुपए की फर्जी बैंक गारंटी जमा कराने के लिए पार्किंग कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. मेयर गुप्ता ने कहा कि इस पर पुलिस के साथ पूरे तथ्यों की जांच करते हुए 5 पार्षदों की एक समिति गठित की जाएगी. इस समिति में आप पार्टी के जसबीर सिंह लड्डी, कांग्रेस नेता गुरबख्श रावत, भाजपा के महेश इंदर सिद्धू और शिरोमणि अकाली दल के हरदीप सिंह और उमेश घई शामिल हैं.
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इस दौरान उन्होंने कहा कि कार्रवाई के लिए अगर उन्हें डीजीपी के पास जाना पड़ेगा, तो वे जाएंगे. वहीं, इस मौके पर विपक्ष के नेता और आप नेता दमनप्रीत सिंह ने कहा कि विजिलेंस जांच एक छलावा है. इस मामले में सिर्फ सीबीआई जांच ही होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि क्या यह चंडीगढ़ नगर निगम के उच्च स्तरीय अधिकारियों का कर्तव्य नहीं था कि वे मामले की तह तक पहुंचे. क्या किसी अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया गया? इन सभी दोषपूर्ण भूमिकाओं की जांच की जानी चाहिए.