चंडीगढ़: गौ मांस और खाल बेचने के आरोपी को बाल सुधार गृह में मल खिलाने के आरोपों को नकारते हुए फरीदाबाद पुलिस कमिश्नर ने हाईकोर्ट में सौंपे हलफनामे में कहा कि प्राथमिक जांच में दावा झूठा पाया गया है. हालांकि जांच के लिए एसआईटी गठित कर दी गई है. जिसे जांच पूरी करने के लिए कुछ समय दिया जाए. हाईकोर्ट ने अपील स्वीकार करते हुए अगली सुनवाई पर जांच की रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं.
बाल सुधार गृह में पिटाई और मल खिलाने का दावा प्राथमिक जांच में झूठा: कमिश्नर - cow meat
गुरुवार को फरीदाबाद में पिछले दिनों एक लड़के पर गौ मांस और खाल बेचने के आरोप में हाईकोर्ट ने सुनवाई की. इसमें याची ने कोर्ट में कहा कि उसके लड़के के साथ बाल सुधार गृह में गलत व्यवहार किया गया और मल खिलाया गया. जिसकी पुलिस कमिश्नर ने प्राथमिक रिपोर्ट कोर्ट को सौंपी.
क्या है मामला?
याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट को बताया कि उसका बेटा पॉलिटेक्निक कॉलेज में पढ़ाई करता है. 29 दिसंबर 2018 को उसका बेटा कॉलेज जाने से पहले याची की नूंह स्थित दुकान पर मौजूद था. दुकान से उसे पुलिस उठा कर ले गई और हरियाणा गौ संवर्धन और गौ संरक्षण एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज कर गौ मांस और खाल बेचने का आरोप लगा दिया.
केस को जिला अदालत में लगाया गया जहां से याची के बेटे के नाबालिग होने के चलते उसे जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड भेज दिया गया. जब बाल सुधार गृह के अधिकारियों ने याची के बेटे का वारंट देखा तो वे भड़क गए और कहा कि तुम गाय काटते हो. याची के बेटे ने बताया कि वह बेकसूर है लेकिन उन्होंने याची के बेटे को एसी बैरक में डाल दिया जहां पहले से 16-17 लड़के बंद थे.