चंड़ीगढ़:मॉडल जेल में कैदियों के व्यक्तित्व को सुधारने और उन्हें बेहतरीन नागरिक बनाने के लिए कई तरह के कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. जिनमें से सबसे खास है रूपांतरण कार्यक्रम, जिसके तहत कैदियों की मानसिकता को सुधारने की कोशिश की जा रही है.
इसके लिए जेल प्रशासन साइकोलॉजी एक्सपर्ट्स की मदद ले रहा है. ताकि एक्सपर्ट कैदियों से बात करें और उनकी मानसिकता में बदलाव लाने के लिए कोशिश करें. जिससे जेल में बंद कैदी जेल से बाहर जाकर एक जिम्मेदार नागरिक की तरह जिंदगी जी सकें.
स्पेशल रिपोर्ट: कैदियों को बेहतर नागरिक बनाने की कवायद, देखें वीडियो 'मानसिक तनाव का रहता है खतरा'
इस बारे में बात करते हुए जेल सुप्रिडेंट विराट ने बताया की जेल में बंद कैदी के दिमाग पर कई बातों का बुरा असर पड़ता है. क्योंकि जब एक इंसान एक जगह पर कई सालों तक बंद रहने के लिए मजबूर होता है तो वो घोर मानसिक तनाव का शिकार हो जाता है, और उसे मानसिक तौर पर कई समस्याएं पैदा हो जाती हैं. इसके अलावा उसके मन में जिंदगी भर ये बोझ रहता है कि वो कभी कैदी था. इस वजह से कई बार एक कैदी जेल से बाहर जाकर भी सामान्य जिंदगी नहीं जी पाता. जबकि कई कैदियों में आपराधिक प्रवृत्ति भी बनी रहती है.
'कैदियों को बनाया जा सके जिम्मेदार नागरिक'
आपको बता दें कि चंडीगढ़ में कैदियों के लिए कई तरह की योजनाएं चलाई जा रही हैं. जिनमें उन्हें कई तरह के हुनर सिखाए जा रहे हैं. जिससे वो जेल से बाहर आकर पूरे आत्मसम्मान के साथ अपनी जिंदगी व्यतीत कर सकें. उन कार्यक्रमों के साथ ही जेल प्रशासन में रूपांतरण कार्यक्रम भी शुरू किया है. ताकि कैदियों को मानसिक तनाव से बचाया जा सके और उनकी अपराधिक प्रवृत्ति को खत्म कर उन्हें समाज में एक जिम्मेदार नागरिक बनाया जा सके.
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