हरियाणा

haryana

ETV Bharat / state

CAA पर पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा का बयान, कहा-कानून को लागू करने से कोई भी राज्य नहीं कर सकता इनकार

कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. हुड्डा ने कहा जब संसद ने किसी कानून को पास कर दिया तो राज्यों को उसका विरोध नहीं करना चाहिए.

bhupinder singh hooda
bhupinder singh hooda

By

Published : Jan 20, 2020, 11:10 AM IST

Updated : Jan 20, 2020, 12:38 PM IST

चंडीगढ़/नई दिल्ली:नागरिकता संशोधन कानून पर कांग्रेस नेता और हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा का बड़ा बयान सामने आया है. कपिल सिब्बल के नागरिकता संशोधन कानून आए बयान पर भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि एक बार कोई कानून अगर संसद से पास हो जाता है, तो संविधान के मुताबिक किसी भी राज्य को उसे लागू करने से मना नहीं करना चाहिए और वो ऐसा कर भी नहीं सकता है. लेकिन कानून की संवैधानिक वैधता की जांच हो सकती है.

साथ ही हुड्डा पूछा गया कि सरकार कह रही है कि जब संसद मे ये कानून पर बहस हो गई तो कांग्रेस प्रदर्शन क्यों कर रही है. इसके जवाब में हुड्डा ने कहा कि ये तो लोकतंत्र का हिस्सा है. कोई भी इंसान अपने हक के लिए प्रदर्शन कर सकता है.

CAA पर भूपेंद्र हुड्डा का बयान, देखें वीडियो

कपिल सिब्बल का बयान

बता दे कि राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल की ओर से नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 'राज्यों का सीएए लागू करने से मना करना असंवैधानिक है'. इस पर खुद कपिल सिब्बल अपनी पार्टी के निशाने पर ही आ गए. जिस पर उन्होंने सफाई भी दी.

ये भी पढे़ं:- विपक्ष कोई भी मुद्दा बनाकर आए हम जवाब देने के लिए तैयार हैं- अनिल विज

कपिल सिब्बल ने ट्वीट कर सफाई देते हुए कहा था कि 'मेरा मानना है कि सीएए असंवैधानिक है. हर राज्य विधानसभा के पास ये संवैधानिक हक है कि वे प्रस्ताव पारित कर सकती है और इसे वापस लेने की मांग कर सकती है. यदि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा कानून को संवैधानिक घोषित कर दिया जाता है तो उसका विरोध करना मुश्किल हो जाता है. लेकिन हमारी लड़ाई जारी रहेगी.

कांग्रेस नेता सलमान खुर्शीद का बयान

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सलमान खुर्शीद ने भी नागरिकता संशोधन कानून पर अपनी राय रखी. उन्होंने कहा कि सीएए की संवैधानिक स्थिति संदेहास्पद है. अगर सर्वोच्च न्यायालय ने हस्तक्षेप नहीं किया तो वह कानून की किताब में कायम रहेगा और अगर कुछ कानून की किताब में है तो उसे सभी को मानना होगा. सीएए पर राज्य सरकारों की अलग-अलग राय है. उन्हें अभी सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई घोषणा का इंतजार करना होगा.

Last Updated : Jan 20, 2020, 12:38 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details