नेता विपक्ष भूपेंद्र हुड्डा चंडीगढ़: हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र समाप्त हो गया है, लेकिन सत्र के बाद से विभिन्न मुद्दों को लेकर प्रदेश में राजनीति शुरू गई है. नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा ने प्रदेश की मनोहर लाल सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं. (haryana assembly winter session) (Bhupinder Hooda allegations on bjp government )
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश पर कुल ऋण 4 लाख करोड़ से ज्यादा है, अगर सरकार को फिगर कम लगती है तो व्हाइट पेपर देना चाहिए. प्रदेश पर 31 मार्च तक 2 लाख 89 हजार 266 करोड़ का कर्ज था. उसके बाद बहुत से ऋण कई संस्थाओं से लिया है. उन्होंने कहा कि, कई बार कर्मचारियों की तनख्वाह भी 10 दिन लेट आती है. प्रदेश ऋण के जंजाल में फंसता जा रहा है.
हुड्डा ने कहा कि कर्जे को लेकर सीएम ने कहा कि ठीक फिगर नहीं दिए गए हैं. प्रदेश के ऊपर 4 लाख करोड़ से ज्यदा का कर्ज है. भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि प्रदेश पर अभी 3 लाख 25 हजार हजार करोड़ का कर्ज है और 1 लाख 22 हजार करोड़ की देनदारी है. हुड्डा ने कहा कि 2 लाख 79 हजार करोड़ था फिर 19 हजार करोड़, 17 हजार करोड़, 14 हजार करोड़, 13 हजार करोड़ और 912 करोड़ कर्जा लिया गया.
इसके साथ ही हुड्डा ने कहा कि प्रॉपर्टी आईडी और परिवार पहचान पत्र को खत्म करेंगे. उन्होंने कहा कि परिवार पहचान पत्र पेंशन काटू प्रोग्राम है. सीएलयू को लेकर हुड्डा ने कहा कि इतने बड़े घोटाले कहीं नहीं हुए. उन्होंने कहा कि सीएलयू एक राजस्व का साधन था, लेकिन सीएलयू गुरुग्राम में कई उदाहरण है. 400 से 500 करोड़ की जमीन 70 से 80 करोड़ में दे रहे हैं.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, पोर्टल की वजह से बिचौलिए घर-घर बैठे हैं, जितनी भर्तियां हुईं इसमें देखा जा सकता है. सरकार अपनी गलतियां छिपाने के लिए हमारे ऊपर आरोप लगा रही है. यह पूरी तरह विफल सरकार है, भाजपा सरकार 8 सालों में 1 इंच रोड नहीं बना पाई. प्रदेश में संस्थान नहीं खोले गए. उन्होंने कहा कि यह नॉन परफॉर्मिंग सरकार है.
इसके अलावा भूपेंद्र हुड्डा ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा को लेकर का कि, 5 जनवरी को राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा पानीपत स्नोली गांव में पहुंचेगी. 6 जनवरी को राहुल गांधी रैली को संबोधित करेंगे. उन्होंने कहा कि 7 तारीख को राहुल गांधी करनाल पहुंचेंगे. 8 और 9 जनवरी को राहुल गांधी कुरुक्षेत्र में ही रहेंगे. 10 जनवरी को ब्रेक डे है. वहीं, 11 जनवरी को अम्बाला से होते हुए भारत जोड़ो यात्रा पंजाब में सिंधु बोर्डर से प्रवेश करेगी.
हुड्डा ने कहा कि, यात्रा का मकसद महंगाई बेरोजगारी और देश को एकजुट करना है साथ ही जनता को जागृत करना है. इस यात्रा का मकसद वोट लेने का नहीं है. इसका मकसद बेरोजगारी, महंगाई और भारत जुड़ा हुआ है, लेकिन कुछ ताकतें आपस में टकराव करने की कोशिश करती हैं उसको जोड़ने का काम (जनचेतना) फैलाना है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी की सुरक्षा को लेकर सभी को पुख्ता बंदोबस्त करने के लिए कह दिया गया है. उन्होंने कहा कि भाजपा भारत जोड़ो यात्रा से बौखलाई हुई है. हार वर्ग से यात्रा को भारी समर्थन मिला रहा है. इस यात्रा में राजनीतिज्ञों के अलावा हर वर्ग के लोगों से राहुल गांधी मिलेंगे.
इस दौरान भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, सेशन में बहुत से ध्यानाकर्षण पस्ताव दिए गए थे. कई अहम समस्याएं हैं, जिनपर हम चर्चा करना चाहते थे. हुड्डा ने कहा कि अभय चौटाला का एक पस्ताव दिया गया जिसका जवाब आने के बाद भी चर्चा से इनकार कर दिया. गन्ने के रेट बढ़ाने पर हुड्डा ने कहा जब हम सत्ता में आए तो 117 रुपये थे रेट, जब हम गए तो 310 पर हम छोड़कर गए. कांग्रेस सरकार में 18 फीसदी इजाफा हुआ, इनके कार्यकाल में 2 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई. हुड्डा ने कहा कि मील देरी से चलाई गई है, जिसके चलते किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने पंजाब के बराबर करने गन्ने के रेट की करने की मांग की थी. गन्ने के दाम को लेकर हमने सदन से वॉक आउट भी किया, लेकिन सरकार ने कुछ नहीं किया.
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, हरियाणा में बॉन्ड पॉलिसी को वापस लिया जाना चाहिए. MBBS के स्टूडेंट्स ने मजबूरी में समझौता किया. इस नई बॉन्ड पॉलिसी से कोई गरीब और मध्यमवर्गीय परिवार का बच्चा डॉक्टर नहीं बन पाएगा. मैंने सदन में कहा भी था कि इसको सरकार वापस ले. वहीं, कौशल रोजगार योजना (HKRN ) युवकों के साथ धोखा है. ये योजना युवाओं के भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लगने वाला है. जैसे अग्निवीर हैं वैसा ही काम HKRN के जरिये करने का काम किया जा रहा है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि प्रदेश में जलभरव का एक मुद्दा है. किसानों को मुआवजा नहीं मिला है. (Bond Policy in Haryana) (Bhupinder Hooda on Bond Policy in Haryana)
भूपेंद्र हुड्डा ने कहा कि, हरियाणा में पंजाबी और उर्दू भाषा के अध्यापकों की भर्ती नहीं हो रही है. इनेलो नेता अभय चौटाला का प्रस्ताव स्वीकार करने के बाद उसे नहीं लिया गया यह दुर्भाग्यपूर्ण है. उन्होंने कहा कि तकालीन सत्र में सरकार का रवैया ढुलमुल रहा. हुड्डा ने कहा कि खाद की कमी, जलभराव और प्रदेश ऋण के बोझ तले डूबता जा रहा है. इन मुद्दों पर हमारा प्रस्ताव नहीं लिया गया.
ये भी पढ़ें:हरियाणा विधानसभा शीतकालीन सत्र में अधिकारियों ने पेश किए गलत आंकड़े, अब होगी कार्रवाई