चंडीगढ़: कृषि कानूनों पर भाजपा सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. किसानों के साथ-साथ देशभर में तमाम दल इन कानूनों का विरोध कर रहे हैं. इस पर कांग्रेस की ओर से भी लगातार तंज कसे जा रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री और नेता विपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कहा कि 2007 में कांग्रेस सरकार ने किसानों के हित में कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग के नियम बनाए थे. इसके तहत एमएसपी से नीचे समझौता नहीं हो सकता. इसके अलावा किसानों को कुल उपज मूल्य का 15 फीसदी सिक्योरिटी या बैंक गारंटी के तौर पर भी अग्रिम नियाम था, लेकिन वर्तमान बीजेपी सरकार ने एमएसपी गारंटी को ही भुला दिया.
साथ ही हुड्डा ने कहा कि आलू, प्याज और दालों के भंडारण की सीमा खत्म होने से गरीब आदमी के मुंह का निवाला ही छिन जाएगा. वहीं हुड्डा ने बरोदा उपुचनाव पर सरकार को घेरते हुए कहा कि कांग्रेस के 10 साल के कार्यकाल के मुकाबले बीजेपी के 6 साल में अधिक विकास हुआ है, तो मुख्यमंत्री मनोहर लाल को बरोदा से उप चुनाव लड़ना चाहिए. 16 अक्टूबर नामांकन की आखिरी तारीख है यदि मुख्यमंत्री बरोदा से चुनाव लड़ते हैं तो वो भी चुनाव लड़ने को तैयार हैं.