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बच्चों को बीमारी से बचाने की मुहिम, 94 लाख बच्चों को खिलाई जाएगी एल्बेंडाजोल की गोली

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Published : Aug 2, 2019, 10:37 AM IST

हरियाणा में कृमि रोग के उन्मूलन के उद्देश्य से 8 अगस्त को 94 लाख बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी. इसके लिए हरियाणा सरकार ने संबंधित कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण भी दे दिया है. 94 लाख बच्चों को यह गोली खिलाने का लक्ष्य रखा गया है.

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चंडीगढ़:कृमि से मुक्त करने के उद्देश्य से बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी. हरियाणा स्वास्थ्य विभाग, राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के मौके पर यह काम करेगी.

8 अगस्त को खिलाया जाएगा

आपको बता दे कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस 8 अगस्त को मनाया जाता है. यह बच्चों को पेट के कीड़ों से निजात दिलाने में मदद करेगा. इस संबंध में स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव राजीव अरोड़ा ने भी विभागीय बैठक में अधिकारियों को इसको सफल बनाने के लिए दिशा-निर्देश दिए.

स्वास्थ्य विभाग की बैठक

संबंधित कार्यकर्ताओं को किया गया प्रशिक्षित

इसके लिए राज्य सरकार ने बच्चों को दवा खिलाने के लिए 18 हजार से भी ज्यादा शिक्षकों और 21 हजार से ज्यादा आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है. साथ ही आंगनवाड़ी में अपंजीकृत तथा स्कूल ना जाने वाले बच्चों को भी यह गोली खिलाया जाएगा.

94 लाख बच्चों को गोली खिलाने का लक्ष्य

इस बार आयोजन में स्कूलों में पढ़ने वाले 35.27 लाख तथा स्कूल नहीं जाने वाले 16 लाख बच्चों को शामिल करने का लक्ष्य रखा गया है. ऐसे बच्चे जो 8 अगस्त को दवाई से वंचित रह जाएंगे, उन्हें 20 अगस्त को दवाई दी जाएगी. कूल 94 लाख बच्चों को इसमें शामिल किया जाएगा.

क्या कहते है विश्व स्वास्थ्य संगठन के आकड़े

जून 2018 में विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वरा जारी आकड़ों के अनुसार पूरे विश्व में 1.3 अरब लोग कृमिरोग से पीड़ित हैं। जिसमें केवल भारत में 1 से 14 वर्ष के 241 मिलियन बच्चों में इसका संक्रमण है.

इस रोग के लक्षण

रोगी को उल्टियां, दस्त, पेट में दर्द, होती है. इस प्रकार के रोग में बच्चे दुबले और कमजोर हो जाते हैं. ये कीड़े कभी-कभी उल्टी में मुंह अथवा नाक, मल द्वार से बाहर भी निकल सकते हैं.

ये सावधानी बरते

स्वच्छ पानी ही पियें, इसके लिये फिल्टर का उपयोग करें या पानी को उबालकर पिये, घरों में मल एवं गंदगी के निकास की उचित व्यवस्था करे, जहां तक संभव हो शौचालय कुछ अलग स्थान में रखने चाहिए. कुंओं और जलाशयों की नियमित सफाई जरुरी है, खेत इत्यादि में शौच क्रिया न करें

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