चंडीगढ़: साल 2019 हरियाणा की राजनीति के लिए एक नया अध्याय लेकर आया है. बनते-बिगड़ते समीकरणों ने सूबे की सियासत में नया इतिहास रचा है. चाहें बात जींद उपचुनाव की हो या फिर लोकसभा चुनाव की. अब हरियाणा विधानसभा चुनाव को भी दो महीने का ही वक्त बचा है. ऐसे में सवाल उठ रहा है कि क्या हरियाणा में विधानसभा चुनाव से पहले पांच सीटों पर उपचुनाव होंगे?
मानसून सत्र में 5 कुर्सियां रहेंगी खाली
चुनाव से पहले हरियाणा विधानसभा का मानसून सत्र भी होगा. इस सत्र में पांच विधायकों की कुर्सी खाली रहेंगी. दरअसल इनेलो के चार विधायक इस्तीफा दे चुके हैं, एक का निधन हो चुका है. वहीं अंबाला की नारायणगढ़ सीट से बीजेपी विधायक रहे नायब सैनी अब कुरुक्षेत्र से सांसद चुने गए हैं. इस तरह से पांच सीटें खाली हो चुकी है.
इन खाली सीटों पर उपचुनाव की संभावनाएं कम नजर आ रही हैं. क्योंकि सीट खाली होने के बाद उपचुनाव के लिए 6 महीने का वक्त होता है. हरियाणा में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव होना है. इसलिए उपचुनाव की संभावनाएं ना के बराबर नजर आ रही है. जबकि सरकार भी इन सीटों पर उपचुनाव करवाने की इच्छुक नहीं दिख रही. बता दें कि हरियाणा में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं.
किन विधायकों ने छोड़ा पद?
- फतेहाबाद से इनेलो विधायक बीजेपी में शामिल हुए. जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया.
- हिसार की नलवा विधानसभा से इनेलो विधायक रणबीर सिंह गंगवा भी बीजेपी में शामिल हो गए. जिसके बाद उन्होंने पद से इस्तीफा दे दिया.
- पलवल के हथीन से इनेलो विधायक केहर सिंह रावत भी बीजेपी में शामिल हुए. जिसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया.
- अंबाला की नारायणगढ़ सीट से बीजेपी के विधायक नायब सैनी कुरुक्षेत्र लोकसभा सीट पर सांसद चुने गए हैं. इसलिए उन्होंने विधायक पद से इस्तीफा दे दिया है. अब नारायणगढ़ विधानसभा सीट भी खाली हो गई है.
- जबकि पिहोवा से इनेलो विधायक जसविंद्र संधू का इस साल 19 जनवरी को निधन हो गया था. तब से पिहोवा विधानसभा सीट भी खाली है.
तीन महीने बाद होना है विधानसभा चुनाव