भिवानी:बरसात के मौसम में बढ़ रहे पशु बीमारी के मामलों को देखते हुए पशु चिकित्सा विभाग आगे आया है. बरसात के मौसम के चलते दुधारू पशुओं में विभिन्न तरह की बीमारियां पनप जाते हैं, जिनको लेकर भिवानी पशु चिकित्सा विभाग किसानों को कई तरह की निर्देश जारी किया है.
दुधारू पशुओं में बरसात के मौसम में थनैला रोग होने की समस्या ज्यादातर बढ़ जाती है. ऐसे में पशुओं की जान पर बन आती है और किसान व पशुपालक का लाखों रुपए का नुकसान हो जाता है. इसी बीमारी को लेकर पशु चिकित्सक डॉ. आनंद ने गुरुवार को पशुपालकों को जानकारी दी.
पशु चिकित्सक डॉ. आनंद ने बताया कि थनैला रोग हो जाने पर पशुओं के थन से खून आने लगता है. जिसकी वजह से पशुओं की जान चली जाती है. वहीं पशु का दूध भी पीने लायक नहीं रहता. ऐसे में पशुपालकों को पशु का विशेष ध्यान रखना चाहिए. उसे हरा चारा व पौष्टिक आहार देना चाहिए. उसे सूखी जगह पर बांधना चाहिए और गर्मी के चलते तीन से चार बार उसे पानी पिलाना चाहिए.
थनैला रोग होने पर क्या करें?
पशु चिकित्सक डॉ. आनंद ने बताया कि थनैला रोग से पशुओं को बचाने के लिए तीन चीजें करनी आवश्यक है.
पहला
पशुओं के थान साफ होने चाहिए. इसके लिए पशुपालक फिनाएल का उपयोग कर सकते हैं.